नैनीताल। राज्य में पर्यटन को बढ़ाने की कोशिशों को धक्का लग सकता है। नैनीताल को प्रदेश का सबसे खूबसूरत शहर माना जाता है कि पूरे देश से पर्यटक यहां मौजूद नैनी झील का दीदार करने आते हैं। अब यही झील सरकार और राज्य के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। खबरों के अनुसार नैनी झील का जलस्तर रोजाना करीब सवा इंच घट रही है। ऐसे में लोगों को पानी की किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है अगर बर्फबारी नहीं हुई तो आने वाले तीन महीनों में झील का जलस्तर शून्य तक पहुंच जाएगा।
सप्लाई में कमी
गौरतलब है कि सिंचाई विभाग ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पिछले तीन महीने में झील का जलस्तर करीब 6 फीट घट गया है। यदि बर्फबारी एवं बारिश नहीं हुई तो फरवरी में जलस्तर शून्य में पहुंच जाएगा। सिंचाई विभाग के इस आंकलन के बाद चिंतित जिला प्रशासन ने शहर में पानी की सप्लाई रोज 6 से 8 घंटे तक ही करने का निर्णय लिया है।
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पानी का दुरुपयोग नहीं करने की अपील
आपको बता दें कि अब तक पूरे शहर में 24 घंटे तक की जा रही थी। नैनीताल के जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने सिंचाई विभाग व नगर पालिका के अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें झील के जल स्तर को लेकर चिंता जताई। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ने कहा कि साल 2016 से पहले पूरे शहर में करीब 16 से 20 घंटे तक पानी की सप्लाई की जा रही थी। साल 2015-16 में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से झील के जलस्तर में काफी गिरावट आई और इसका आकार बदल गया। इसी साल गर्मियों में जलस्तर 19 फीट तक घट गया, जो गंभीर चिंता की वजह है। जिलाधिकारी ने रोस्टिंग कर पेयजल आपूर्ति को 6 से 8 घंटे तक ही करने के निर्देश दिए हैं। होटल मालिकों, स्थानीय जनता व पर्यटकों से पानी का दुरुपयोग रोकने की अपील की गई है।