देहरादून। राज्य के पहाड़ी इलाकों में भी विकास की गति अब तेज होने वाली है। कोटाबाग में प्रदेश का पहला पर्वतीय प्राईवेट सिडकुल स्थापित किया गया है। बताया जा रहा है कि जिला उद्योग केंद्र की मदद से कोटाबाग में हल्द्वानी निवासी नरेंद्र रौतेला ने प्राईवेट सिडकुल स्थापित किया है। करीब सवा 2 हैक्टेयर जमीन पर फैले सिडकुल में 15 औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन इकाइयों की स्थापना से यहां के बेरोजगार नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने की संभावना जगी है। इसके साथ ही पहाड़ों का भी विकास मुमकिन हो पाएगा। बता दें कि रोजगार की ही तलाश में राज्य के ज्यादातर गांवों से नौजवान पलायन कर चुके हैं।
गौरतलब है कि पहाड़ी इलाके कोटाबाग में स्थापित किए गए प्राईवेट सिडकुल में इकाई लगाने पर कारोबारी को सभी तरह की सरकारी सुविधाएं मिलेंगी। फिलहाल दो इकाइयां (बेकरी और मैंथा ऑयल) स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें 30-40 लोगों को रोजगार मिला है। समूचे सिडकुल में इकाइयां स्थापित होने के बाद सरकार 50 लाख की आर्थिक मदद भी करेगी। पर्वतीय इलाके में उद्योग के स्थापित होने से होटल, ढाबे और ट्रांसपोर्ट से भी 150-200 स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
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यहां बता दें कि पहाड़ी इलाके में प्राईवेट सिडकुल स्थापित करने वाले व्यक्ति को ही बुनियादी जरूरतों का इंतजाम करना पड़ता है। ऐसे मंे नरेन्द्र रौतेला ने सिडकुल में सड़कंे बनवाई हैं, पानी की टंकी और बिजली की लाइन भी ली है।
ये हैं फायदे
- सिडकुल की स्थापना होने से दूरस्थ और पर्वतीय लोगों को घर पर ही मिलेगा रोजगार। इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
- पलायन की रोकथाम में होगा मददगार।
- उद्यम स्थापना से सरकार के खजाने में भी होगी बढ़ोतरी।