नई दिल्ली। आपने हिन्दी फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ जरूर देखी होगी जिसमें एक शख्स गलती से दूसरे देश में फंसी बच्ची को उसके मां-बाप से मिलाता है। आज हम आपको फिल्मी नहीं बल्कि रियल लाइफ के बजरंगी भाईजान के बारे में बताने जा रहे हैं। ये हैं उत्तरप्रदेश के रहने वाले समाज सेवी सैय्यद आबिद हुसैन जो विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए मुहिम चलाते हैं और इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली है। उनकी कोशिशों की वजह से पिछले 5 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद मध्यप्रदेश का 20 वर्षीय जितेंद्र अर्जुनवार शुक्रवार को अपने वतन भारत वापस आ गया है।
गौरतलब है कि अपने कारोबार के सिलसिले में यूपी से मध्यप्रदेश में गए आबिद को वहां के एक परिवार का दर्द भी अपना लगा और उन्होंने करीब 5 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद मध्यप्रदेश के सिवनी जनपद निवासी जितेंद्र को सोशल मीडिया के हथियार से जीत कर अपने वतन वापस बुला लिया जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बधाईयां मिल रही हैं।
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यहां बता दें कि असल में उक्त जनपद निवासी जितेंद्र 12 अगस्त 2013 को भटक कर पाकिस्तान सीमा में चला गया था जिसे पकड़कर पाकिस्तानी सेना ने जेल में बंद कर दिया था यहां एक साल सजा पूरी करने के बाद जितेंद्र को 2014 में रिहा हो जाना चाहिए था लेकिन जितेंद्र की भारतीय होने की पुष्टि नहीं होने के कारण उसे 4 साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ा। आबिद ने 2017 में ट्विटर के जरिए ‘हेल्प जितेन्द्र’ के नाम से मुहिम चलाई। लगातार 6 महीनों की कोशिशों के बाद अब जितेन्द्र अपने मां-बाप के पास वापस लौट आया।
गौर करने वाली बात है कि जितेन्द्र के बारे में भारत और पाकिस्तान सरकार को ट्विटर के जरिए जानकारी देने के बाद उसने जन अभियान छेड़ दिया। लोगों के समर्थन ने उन्हें ‘बजरंगी भाईजान’ बना दिया। आबिद हुसैन ने भारत सरकार समेत देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक बेटे को उस के परिवार से मिलाने के लिए शुक्रिया अदा किया है। आबिद ने पत्रकारों से बात करत हुए बताया कि वह न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि दुनिया के किसी भी देश में जितने भी लोग बेगुनाह फसें होंगे उनके लिए एक बड़ी मुहिम वो चलाएंगे ताकि कोई भी बेकसूर जेल में न रहे।
यूपी के आबिद के लिए यह बात बिल्कुल फिट बैठती है कि ‘‘जहां भी रहेगा रोशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता।’’