Thursday, April 25, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

महानदी में डूबा 15वीं सदी का विष्णु मंदिर नदी से बाहर आया , INTACH ने किया खोजने का दावा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
महानदी में डूबा 15वीं सदी का विष्णु मंदिर नदी से बाहर आया , INTACH ने किया खोजने का दावा

नयागढ़ । इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की पुरातत्वविदों की टीम ने ओडिशा के नयागढ़ जिले के भापुर ब्लॉक में महानदी के गर्भ से एक लुप्त मंदिर के अंश खोजने का दावा किया है । महानदी वैली हेरिटेज साइट्स की डॉक्यूमेंटरी प्रोजेक्ट के दौरान इस प्राचीन मंदिर के अंश देखने को मिले । इस मंदिर को करीब 5 शताब्दी पुराना बताया जा रहा है । INTACH ने दावा किया है कि मंदिर में गोपीनाथ (भगवान विष्णु) की प्रतिमा विराजमान थी, मंदिर करीब 60 फीट ऊंचा है। मंदिर की बनावट से साफ होता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का होगा । 

जानकारों का कहना है कि 18वीं सदी में शताब्दी में यहां पद्मावती गांव हुआ करता था । पूर्व में इस महानदी में बार-बार बाढ़ आने के कारण ये गांव महानदी में लीन हो गया । यहां के लोग तो ऊंचे स्थान पर चले गए , लेकिन नदी में यहां की कुछ कला और संस्कृति की निशानी भी लीन हो गई । इलाके के लोगों का कहना है कि ये प्राचीन गोपीनाथ मंदिर का हिस्सा है । 


शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिस स्थान पर ये मंदिर मिला है, उस इलाके को सतपताना कहते हैं । यहां पर 7 गांव हुआ करते थे , जो इसी मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा किया करते थे । पद्मावती गांव भी इन सात गांवों में से एक था । पूर्व में नदी में बार-बार बाढ़ से गांव नदी में समा गया और यहां के लोग ऊंचे स्थानों पर जाकर बस गए।  स्थानीय लोगों का कहना है कि 18वीं  -19वीं  शताब्दी मे बोरेहि नाम के गांव में भी ऐसे ही स्थिति में मंदिर नदी में लीन हो गया था । अभी पद्मावती गांव के बालुंकेश्वर घाट से मंदिर की अग्रभाग दिखाई देता है । 

 

Todays Beets: