जामनगर। भारत को यूं ही चमत्कारों और पौराणिक मान्यताओं को मानने वाला देश नहीं कहा जाता है। यहां के कोने-कोने में पौराणिक मान्यताएं प्रचलित हैं। गुजरात के जामनगर में स्थित मंदिर की खासियत जानकार आप हैरान हो जाएंगे। आमतौर पर मंदिरों में रामधुन सुना जाता है लेकिन इस मंदिर में 24 घंटे रामधुन सुनाई देता है वे भी एक दो दिनों से नहीं बल्कि 50 सालों से लगातार चल रहा है। आइए इस पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिर के बारे में हम आपको बता रहे हैं।
गौरतलब है कि जामनगर के रणमल इलाके में 1540 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर की खासियत केवल इसका अति प्राचीन होना ही नहीं है, बल्कि आज लोग इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस का हिस्सा होने के चलते भी पहचानते हैं। मंदिर के संरक्षकों के अनुसार 1964 में श्री भिक्क्षु जी महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। उसके तीन साल बाद उन्होंने ही श्रीराम धुन के निरंतर जाप की परंपरा प्रारंभ करवाई थी। इसी कारण इस मंदिर का विश्व कीर्तिमान में शामिल किया गया है।
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यहां बता दें कि 1964 में महाराज के द्वारा यहां हनुमान भक्तों ने भी रामधुन, ‘श्री राम जय राम, जय-जय राम’ की धुन मंत्र का जाप 7 दिनों और 24 घंटे करने का निर्णय लिया। उसके बाद से ही शुरू हुई प्रक्रिया आज भी जारी है। बड़ी बात यह है कि रामधुन गाने वाले लोग कोई पेशेवर गायक नहीं हैं इसके में कोई भी आम भक्त भी हिस्सा ले सकते हैं। अब तो इनकी बाकयदा सूची बना कर एक दिन पहले नोटिस बोर्ड पर लगा दी जाती है। विशेष परिस्थितियों के चलते भी कोई विघ्न ना पड़े इसके लिए चार चार गायकों का नाम अतिरिक्त गायकों की लिए रखा जाता है। इसके साथ ही मंदिर में कोई भी भक्त स्वयं अपनी मर्जी से भी राम धुन भजन सभा में शामिल हो सकता है।
यहां भक्तों ने रामधुन की परंपरा को अभी तक टूटने नहीं दिया है। यहां तक की साल 2001 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भी भक्तों ने रामधुन की परंपरा को बरकरार रखा है।