नई दिल्ली । अगर ये कहा जाए कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2019 के लोकसभा चुनावों का सेमिफाइनल है तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पिछले तीन साल से ज्यादा समय के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार कभी भी विधानसभा चुनावों में इतनी छटपटाती नहीं दिखी, जितनी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर नजर आ रही है। हालांकि बेचैनी किसी को दिखे न इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। असल में भाजपा के आगे जहां गुजरात चुनावों में अपनी साख बनाए रखने और पीएम मोदी के लिए गृहराज्य में भाजपा का कमल खिलाए रखने की चुनौती है, वहीं बदले-बदले अंजाद में नजर आ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उड़ान को बांधे रखने के लिए चुनौतियों का भी दबाव है। इस सब के बीच भाजपा काफी सजग है और किसी भी सूरत में गुजरात विधानसभा में किसी भी उलटफेर से बचने के लिए अपना पूर जोर लगाए हुए हैं।
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मोदी-योगी करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां
गुजरात की जनता को केंद्र की उपलब्धिया और राज्य सरकार की सफलता के बारे में बताने के लिए जहां बूथ स्थर पर भाजपा कार्यकर्ता जुट गए हैं। वहीं व्यापक स्तर पर अपनी बात कहने के लिए भाजपा ने अपने स्टार चुनाव प्रचारकों की एक लिस्ट बनाई है, जो आने वाले दिनों में राज्य के विभिन्न कोनों में जाकर भाजपा के लिए प्रचार का काम करेंगे। हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात में ताबड़तोड़ रैलियों और जनसभाओं की भी तैयारियां की गई हैं, जो भाजपा के लिए काफी अहम होगीं। वहीं यूपी के फायरब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राज्य में कई रैलियों को संबोधित करेंगे।
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आरएसएस ने भी बनाई रणनीति
जहां एक ओर गुजरात में अपनी साख को बचाने के लिए पुरजोर करती नजर आ रही हैं, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी भाजपा की ताकत बनकर राज्य में अपनी रणनीति के तहत जुट गई है। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को भले ही कांग्रेस से उतनी चुनौती न मिल रही हो, लेकिन पार्टी राज्य में अस्तित्व में आई युवा त्रिमूर्ति को लेकर जरूरत चिंतित है। इस सब के बीच एक बार फिर भाजपा को इस संकट से उबारने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में अपने 12 विभागों को भाजपा के लिए एक लहर बनाने की मुहिम में लगा दिया है। इन विभागों को एक बार फिर से भाजपा के लिए हिंदुओं को एकजुट करने के काम में लगा दिया गया है। संघ ने यह मुहिम इसलिए भी शुरू की है, क्योंकि पिछले दिनों जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल जैसे युवा नेताओं के आने से गुजरात का हिंदू समाज “विभाजनकारी राजनीति” का शिकार हो रहा है।
अल्पेश-जिग्नेश-हार्दिक को निष्क्रिय करने की तैयारी
संघ के इन विभागों को जिम्मेदारी दी गई है कि ये समाज में उभरे नए युवा नेताओं के समाज पर पड़ रहे जातिगत प्रभावों को कम कर हिन्दुओं को एकजुट करने का काम करें। जल्द ही इन विभागों की एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी होनी है। बता दें कि इन दिनों पाटीदार समाज के एक गुट का प्रतिनिधित्व हार्दिक पटेल करते दिख रहे हैं, तो अल्पेश ठाकोर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और जिग्नेश मेवानी दलित समुदाय की राजनीति का झंड़ा लिए विधानसभा चुनावों में भाजपा के सामने खड़े हो गए हैं।
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भाजपा पर लग रहे आरोप
इस सब के बीच पाटीदार नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा इस बार के विधानसभा चुनावों में घबराई हुई है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं कि भाजपा उनके साथियों को तोड़ने के लिए 50 लाख रुपये की पेशकश कर रही है। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा ने करीब 200 करोड़ रुपये खर्च करते हुए राज्य में कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े किए हैं। इतना ही नहीं बूथ स्तर पर भाजपा अपने धनबल का प्रयोग करते हुए चुनावों को प्रभावित कर रही है।
भाजपा का दावा. 150 सीट जीतेंगे
इस सब के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले दिनों दावा कर दिया है कि इस बार भी भाजपा राज्य की सत्ता पर काबिज होगी और सबका साथ सबका विकास के फार्मूले पर अपना काम करती रहेगी। अमित शाह ने इस दौरान कहा कि इस बार गुजरात की जनता उन्हें ऐतिहासिक समर्थन देगी, जिसकी मदद से वे 150 सीटें जीतेंगे।