पटना । बिहार विधानसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान के लिए अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है । सुबे के राजनीति तक और गठबंधन सीट बंटवारे के विवाद को खत्म करते हुए अब आगे बढ़ रहे हैं। जहां भाजपा और जदयू ने सीटों को आपस में बांटते हुए सहयोगियों को अपने कोटे में से सीटें देने की रणनीति बनाई है । वहीं अन्य दल भी अपनी जीत के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं । भले ही जदयू-भाजपा सुशासन के मंत्र पर वोट मांगें और लोजपा जैसी पार्टी पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगने की योजना बना रही हों , लेकिन इस सबके बीच लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल ने एक बार फिर से बाहुबलियों के सहारे सत्ता का रास्ता तलाशना शुरू किया है । विधानसभा चुनावों में राजद ने जहां कई दागी नेताओं को टिकट दिए हैं , वहीं कई बाहुबलियों की पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारा है ।
पिछले दिनों बदल रहे थे छवि
असल में चुनावों की तारीखों से पहले राजद नेता और पार्टी की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव ने ऐसे संकेत दिए थे कि वह अपनी पार्टी की छवि को बदलने के लिए काम कर रहे हैं । उन्होंने संकेत भी दिए थे कि उनकी पार्टी मुस्लिमों - यादवों की ही नहीं बल्कि सबकी पार्टी है । ऐसा लग रहा था कि इस बार के विधानसभा चुनावों में दागी छवि के नेताओं से वह अपनी पार्टी को दूर रखेंगे । लेकिन चुनावों के करीब आते आते वह फिर से पुराने गणित पर लौट आए हैं ।
लालू राबड़ी के शासनकाल की गलतियों के लिए मांगी थी माफी
पिछले दिनों तेजस्वी यादव अपनी नई रणनीति को परवान चढ़ाते दिख रहे थे , जिसमें उन्होंने राजद को सभी लोगों का दल कहा । इतना ही नहीं कई मौकों पर जनता के बीच जाकर उन्होंने लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में की गई गलतियों के लिए माफी भी मांगी। उनका कहना था कि एक समय में बिहार में बाहुबलियों का आतंक था , जिसके चलते कई लोग बिहार से पलायन कर गए । ऐसे में लग रहा था कि वह अपनी पार्टी से इस बार बाहुबलियों को दूर ही रखेंगे , अब जो समीकरण नजर आ रहे हैं , वह तेजस्वी की चुनावी बातें नजर आ रही हैं । एक बार फिर से राजद जमकर अपराधियों और बाहुबलियों को टिकट बांटती दिख रही है ।
जदयू ने साधा निशाना
जनता दल यूनाइटेड प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ''तेजस्वी अपराध और बाहुबल के खिलाफ बड़बोले दावे करते रहे, मगर टिकट वितरण से आरजेडी ने बाहुबली और दागियों से अपने गहरे संबंध को एक बार फिर कबूल लिया है ।
दागियों को अखबार में देना होगा विज्ञापन
बता दें कि इस बार चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार , इस बार दागी नेताओं यानी जिस भी उम्मीदवार पर कोई भी मामला दर्ज है तो उसकी जानकारी उसे एक विज्ञापन के माध्यम से मतदाताओं तक देनी होगी । ऐसा न करने वालों का नामांकन रद्द हो सकता है , इतना ही नहीं जानकारी छिपाने वाले उम्मीदवारों का नामांकन भी रद्द हो जाएगा । ऐसे में दागी उम्मीदवारों को चुनने के बाद राजनीतिक दलों के पास इस बार उनके जीतने की कोई गारंटी नहीं होगी ।
इन्हें टिकट देकर आए जदयू के निशाने पर
1- बिहार में छोटे सरकार के नाम से विख्यात बाहुबलि निर्दलीय विधायक अनंत सिंह को इस बार राजद ने मोकामा सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है । हालांकि अभी वह जेल में बंद हैं । गत लोकसभा चुनावों के दौरान उनके घर से एके 47 मिली थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था ।
2- इसी तर्ज पर सहरसा जेल में पिछले 14 सालों से बंद पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद को भी िस बार शिवहर सीट से चुनाव लड़ाए जाने की बात कही जा रही है । आनंद मोहन पर 2005 में गोपालगंज डीएम जी. कृष्णाया हत्याकांड का दोष सिद्ध हुआ था , जिसके बाद से वह सहरसा जेल में बंद हैं ।
3- इसी क्रम में संकेत मिल रहे हैं कि राजद ने गैंगस्टर और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को सिवान जिले की किसी सीट से उम्मीदवार बना सकती है । पिछले बार उन्हें सिवान से लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया था , लेकिन वह हार गईं । शहाबुद्दीन को टेटर ऑफ सिवान के नाम से जाना जाता है । फिलहाल वह हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।
- अगर बात संदेश विधायक अरुण यादव की करें तो इस बार उनकी पत्नी को राजद ने इसी सीट से इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है । जबकि एक नाबालिग से रेप के आरोपों का सामना करने के बाद अरुण यादव पिछले 1 साल से फरार हैं ।
5- इतना ही नहीं पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रामा सिंह की पत्नी को इस बार महनार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की खबरें हैं । असल में रामा सिंह खुद राजद में शामिल होना चाहते थे , लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह इससे सहमत नहीं थे , जिसकी वजह से उनकी राजद में एंट्री नहीं हो सकी । रामा सिंह के खिलाफ हत्या और अपहरण के कई मामले चल रहे हैं ।
6- राजद ने इन दिनों जेल में बंद राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को नवादा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है । पिछली बार राजबल्लभ इस सीट से विधायक बने थे । 2016 में उनको एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया , जिसके आरोप में 2018 में उन्हें दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया गया। इतना ही नहीं पार्टी ने उन्होंने निलंबित भी कर दिया था ।