देहरादून। राज्य में भाजपा सरकार के गठन के बाद देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। हालांकि राज्य में कांग्रेस के शासनकाल में भी इसे स्मार्टसिटी बनाने का प्रस्ताव कई बार केन्द्र को भेजा गया लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। चुनाव के दौरान भी दून को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही गई। अब राज्य में भाजपा की सरकार बन चुकी है। ऐसे में इस प्रस्ताव को फिर से केन्द्र सरकार के पास भेजा जा रहा है। देखना है कि इस बार इसे मंजूरी मिलती है या फिर उसे लौटा दिया जाता है?
नए प्रस्ताव में क्या है
इस बार केन्द्र को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में शहर में स्मार्ट परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें राज्य में इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी बसों के परिचालन पर जोर दिया जा रहा है। शहर के पलटन बाजार को नो ट्रैफिक जोन घोषित करने के साथ वहां सिर्फ ई-रिक्शा ही चलाने की बात कही गई है। नए प्रस्ताव में नगर निगम को ग्रीन बिल्डिंग बनाने का भी विचार रखा गया हैै।
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राजनीतिक आरोप
देहरादून को स्मार्टसिटी बनाने का प्रस्ताव इससे पहले भी तीन बार केन्द्र को भेजा जा चुका है। हर बार किसी न किसी वजह से दून स्मार्ट सिटी की लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सका। इसके लिए कांग्रेस ने केन्द्र पर राज्य के साथ राजनीतिक भेदभाव का आरोप भी लगाया था। कांग्रेस ने कहा कि केन्द्र जानबूझ कर इसे स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल नहीं कर रहा है।
जगह मिलेगी!
अब जबकि प्रदेश और केन्द्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है ऐसे में इस बार प्रस्ताव पास होता है या नहीं। उम्मीद तो यही की जा रही है कि जब जनता ने राज्य में भाजपा का डबल इंजन लगा दिया है तो देहरादून को भी स्मार्ट सिटी की लिस्ट में जगह जरूर मिल जाएगी।