नई दिल्ली। अब 8वीं कक्षा तक बच्चे फेल नहीं होंगे। राज्यसभा ने फेल नहीं करने वाले संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उच्च सदन में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2018 पर चर्चा के जवाब में कहा कि अब यह राज्यों के ऊपर निर्भर है कि वे इस नई व्यवस्था को अपनाते हैं या नहीं। मानवा संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा।
गौरतलब है कि सदन में इस विधेक को ध्वनिमत से पारित कर दिया है। हालांकि लेफ्ट पार्टी ने इसका विरोध करते हुए सदन से वाॅकआउट किया। बता दें कि लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। विधेयक की जरूरत पर चर्चा करते हुए जावडेकर ने कहा कि अक्सर ऐसा कहा जाता है कि 5वीं कक्षा के छात्रों को तीसरी कक्षा का गणित भी नहीं आता। ऐसे में व्यवस्था में बदलाव की बात की जा रही थी।
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यहां बता दें कि बदलाव करने से पहले सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ बैठक हुई थी। मंत्री ने कहा कि स्थाई समिति में भी इस बात पर एकराय थी। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि 8वीं में बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी।