नई दिल्ली। सिविल सेवा परीक्षा में सफल होना बहुत से युवाओं का सपना होता है और इसके लिए बड़ी संख्या में आवेदन भी किए जाते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से किए गए एक सर्वे में इस बात का पता चला है कि आवेदन करने वालों में से मात्र 50 फीसदी छात्र ही परीक्षा में बैठते हैं। ऐसे में अब यूपीएससी की ओर से छात्रों को नाम वापस लेने की सुविधा दी जा रही है। यूपीएससी की ओर से कहा गया है कि यह व्यवस्था इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, 2019 से शुरू होगी।
गौरतलब है कि एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अरविंद सक्सेना ने कहा कि आयोग ने इस बात का अनुभव किया है कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले लाखों उम्मीदवारों में से मात्र 50 फीसदी युवा ही परीक्षा में शामिल होते हैं। ऐसे में आयोग के द्वारा किए गए इंतजाम बेकार हो जाते हैं। आवेदन करने के बाद अगर परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल नहीं होना चहते हैं तो वे अपना नाम वापस ले सकते हैं।
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यहां बता दें कि यूपीएससी की ओर से हर साल तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार - में सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत दूसरी अखिल भारतीय सेवाओं के लिये अधिकारियों का चयन किया जाता है। परीक्षा से नाम वापस लेने वाले अभ्यर्थियों को अपने आवदेन का विवरण देना होगा।