देहरादून । आगामी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी की 30 मई को वट सावित्री का वत्र रखा जाएगा । ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्धायु के लिए रखती हैं । महिलाएं इस दिन न केवल वट सावित्री की कथा सुनती हैं , बल्कि पूजन के साथ सोलह श्रृंगार भी करती हैं । इस व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है , जिसके चलते स व्रत का नाम वट सावित्री रखा गया है । ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाने के लिए यह व्रत रखा था । यही कारण है कि महिलाएं अपने पति के लिए इस वट सावित्री के व्रत को रखती हैं , लेकिन इस व्रत को लेने वाली महिलाओं को इस दिन भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए । चलिए हम इसके बारे में आपको बताते हैं।
महिलाओं को ध्यान देना होगा कि...
- व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन गलती से भी काले, सफेद या नीले रंग की साड़ी न पहनें । बेहतर होगा कि वे हरे, पीले, लाल या नारंगी रंग के सुहाग वाले रंग वाली साड़ी या पकड़े धारण करें ।
- यदि पहली बार वट सावित्री व्रत रख रही हैं तो मायके में पहला व्रत करें । ऐसा करना शुभ माना जाता है । इसके अलावा सुहाग की सारी चीजें भी मायके की ही धारण करें ।
- इस व्रत में सिर्फ फल का सेवन करें । ऐसा पूजा के बाद ही करें । पूजा के लिए वट वृक्ष पर चढ़ाई गई चीजों का सेवन भी पूजा के बाद ही करें ।
- यदि बिना अन्न का सेवन किए व्रत न रख पा रही हों तो सात्विक भोजन ही करें । लहसुन, प्याज, हींग, मसालों का सेवन गलती से भी न करें ।
- व्रती महिलाएं ना तो किसी से झगड़ा करें और ना ही किसी को अपशब्द कहें ।
इसी दिन सोमवती अमावस्या
वट सावित्री व्रत के दिन शनि जयंती भी होती है. इस साल इस दिन सोमवती अमावस्या भी पड़ रही है , लिहाजा इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा और भक्ति-भाव से रखा गया व्रत कई गुना ज्यादा फल दे । इस दिन शनि देव के प्रकोप से निजात पाने के उपाय करना भी बहुत लाभ देगा ।