Saturday, April 20, 2024

हनुमानजी के इन 12 नामों में से करें किसी का भी जाप , पवनपुत्र हरेंगे आपके कष्ट, जानें ये नाम

अंग्वाल न्यूज डेस्क
हनुमानजी के इन 12 नामों में से करें किसी का भी जाप , पवनपुत्र हरेंगे आपके कष्ट, जानें ये नाम

नई दिल्ली । सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।

बिकट रूप धरि लंका जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।

रामचन्द्र के काज सँवारे ।।

प्रभु रामचंद्र के काज संवारने वाले उनके परमभक्त हनुमान ऐसे हैं, जिनके नाम की उपासना मात्र से ही वह अपने भक्तों का कल्याण कर देते हैं। हनुमान जी को अपनी अगाध श्रद्धा के चलते उनसे अष्टसिद्धी और नवनिधि का वरदान मिला। इन्‍हीं के चलते रामदूत कलयुग में अपने उपासकों का कल्याण करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कलयुग में उनके भक्त मात्र उनके 12 नामों का उच्चारण करके भी अपने समस्याओं और व्यवधानों से छुटकारा पा सकते हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं अंजनीपुत्र हनुमान के उन 12 नामों के बारे में और उससे जुड़ी कथा के बारे में। इन नामों का जाप करने मात्र से आप भी अपनी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान जी के इन 12 नामों का जाप करने से वह दसों दिशाओं और आकाश पाताल में रक्षा करते हैं।

1- हनुमान -  पौराणिक कथाओं के मुताबिक , एक समय देवराज इंद्र ने अपने वज्र से हनुमान जी की ठोढ़ी पर प्रहार किया था , जिसके चलते वह टूट गई। ठोढ़ी को संस्कृत में हनु भी कहा जाता है। इस घटना के बाद से ही उनका नाम हनुमान रखा गया था।

2-  महाबली - रामदूत और भगवान शंकर के अवतार हनुमानजी को महाबलशाली माना जाता है। उनमें मौजूद परम शक्ति के चलते ही उन्हें महाबली भी कहा जाता है।

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3. अंजनिसुत- असल में पवनपुत्र हनुमान जी की माता का नाम अंजनि था इसीलिए उन्‍हें अंजनिसुत के नाम से बुलाया जाता है।

4- फाल्गुनसखा- महाभारत काल के सर्वेक्षेष्ठ धनुधर अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है। वे हनुमान जी के परम मित्रों में शामिल थे, इसलिए हनुमान जी को फाल्‍गुन सखा कहते हैं।

5- पवनपुत्र- वायु के देवता पवनदेव के वरदान से माता अंजनि ने गर्भ धारण किया और हुनमान को जन्‍म दिया इसीलिए वे पवनपुत्र भी कहलाते हैं।

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6- रामेष्ट- प्रभु श्रीराम हनुमान के अराध्‍य हैं और वे उनके अति प्रिय भी हैं इसीलिए वे रामेष्ट हैं।

7- दशग्रीवदर्पहा- रावण के घमंड को चूर करने वाले हनुमान जी ये नाम उनकी इसी विशेषता को व्‍यक्‍त करता है।


8- अमितविक्रम- ऐसा कोई जिसका कौशल अदभुद हो और वो सदैव विजयी हो तो वो अमितविक्रम कहलाता है। यह नाम हनुमानजी पर पूरी तरह से सटीक बैठता है।

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9- सीताशोकविनाशन- अशोक वाटिका में माता सीता को तलाश कर उनके शोक का नाश करने वाले हनुमान जी सीताशोकविनाशक कहलाते हैं।

10. पिंगाक्ष- बजरंग बली के नेत्रों का रंग भूरा है इसलिए उन्‍हें पिंगाक्ष भी कहते हैं।

11- उदधिक्रमण- माता सीता की तलाश में हनुमान जी ने समुद्र को लांघ लिया था और उदद्धि समुद्र का पर्यावाची है। तो सुद्र को लांघने वाला उदद्धिक्रमण कहलाता है यानि हनुमान।

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12- लक्ष्‍मणप्राणदाता- युद्ध के दौरान मूर्चित हो जाने वाले लक्ष्‍मण जी की प्राण रक्षा के लिए संजीवनी बूटी की कामना करने पर हनुमान जी पूरा पर्वत उठा लाये थे और उनके प्राण दाता बने थे। इसलिए उनका नाम लक्ष्मणप्राणदाता भी है।

 

 

 

 

 

 

 

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