आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग खाने से जुड़ी कई अहम बातों को नज़र अंदाज करते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाना खाने के तरीकों से हमारी सेहत और उम्र का सीधा संबंध है। जी हां, पुरानी मान्यताओं पर गौर करें तो खाना पकाते समय देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त की जा सकती है। चलिए आपको बताते हैं खाना खाने के उन प्राचीन और अचूक तरीकों के बारे में, जिसकी बदौलत न सिर्फ आप ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं बल्कि दीर्घायु भी बन सकते हैं।
1. खाना खाने से पूर्व पांच अंगों (दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख) को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए।
2. ऐसी मान्यता है कि भीगे हुए पैरों के साथ भोजन ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है। भीगे हुए पैर शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं, इससे हमारे पाचन तंत्र की समस्त ऊर्जा भोजन को पचाने में लगती है।
3. पैर भिगोने से शरीर की अतिरिक्त गर्माहट कम होती है, जो गैस और एसिडिटी की संभावनाओं को समाप्त कर देती है। इससे स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। इससे आयु में वृद्धि होती है।
4. पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके खाना ग्रहण करना चाहिए। इस उपाय से हमारे शरीर को भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है।
5. दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन ग्रहण करना अशुभ माना गया है। पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि होती है।
6. कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। खाने की थाली को हाथ में लेकर भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन बैठकर ग्रहण करना चाहिए। थाली को किसी बाजोट या लकड़ी की पाटे पर रखकर भोजन करना चाहिए। खाने बर्तन साफ होने चाहिए। टूटे-फूटे बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए।
7. भोजन ग्रहण करने से पहले अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता का स्मरण करना चाहिए। देवी-देवताओं को भोजन के धन्यवाद देते हुए खाना ग्रहण करें। भगवान से ये प्रार्थना भी करें कि सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो जाए। कभी भी परोसे हुए भोजन की निंदा नहीं करना चाहिए। इससे अन्न का अपमान होता है।