आदमी के कर्म के साथ उसका भाग्य भी उसे बुलंदियों पर ले जाने के लिए अहम होता है। जानकार कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के बारे में उसकी हाथ की रेखाएं देखकर बताया जा सकता है। समुद्रशास्त्र में लोगों के हाथ पर बनी रेखाओं से उनके भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। अमूमन हर किसी की हथेली पर मुख्य रूप से तीन रेखाएं नजर आती हैं। इसमें अगूठे की तरह से पहली जीवन रेखा, दूसरी मस्तिष्क रेखा और तीसरी ह्रदय रेखा कही जाती है। जानकारों का कहना है कि हथेली में इन रेखाओं को जब दूसरी रेखा काटते हुए आगे निकले तो इसका भी एक अर्थ होता है।
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जीनव रेखा से जुड़े कुछ तथ्य...
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार जीवन रेखा के नजदीक कई रेखाएं होती है। कहा जाता है कि अगर जीवन रेखा के बीच कई रेखाएं काटते हुए निकल जाए तो ऐसे व्यक्ति को अपना जीवन कई तरह की बीमारियों का सामना करते हुए काटना पड़ता है। वहीं कहा जाता है कि जीवन रेखा के आकार और लंबाई से व्यक्ति की उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीवन रेखा की लकीरें अगर पतली, लंबी और गहरी हो तो यह अच्छी मानी जाती है। गहरी जीवन रेखा वाले लोगों में चौड़ी रेखा वाले लोगों की अपेक्षा किसी बीमारी या मुसीबत का सामना करने की अधिक क्षमता होती है।
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चंद्र पर्वत से निकली रेखा अगर...
ज्योतिषिय जानकारों के अनुसार यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा बुध क्षेत्र तक अथवा बुध पर्वत पर पहुंचती हो तो जातक को यात्रा के दौरान आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। वहीं यदि चंद्र पर्वत से यात्रा रेखा हथेली के मध्य में से ही अथवा मुड़कर वापस चंद्र पर्वत पर आए तो जातक को विदेश में व्यापार अथवा नौकरी की खातिर कई वर्ष व्यतीत करने के बाद मजबूरन स्वदेश वापस लौटना पड़ता है।
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लंबी यात्राएं करते हैं ऐसे लोग...
वहीं यदि रेखा चंद्र क्षेत्र से निकलकर पूरी हथेली को पार करते हुए गुरु पर्वत तक पहुंचती हो तो जातक को विदेश की कई यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। यदि किसी स्त्री या पुरुष जातक की हथेली में चंद्र पर्वत से यात्रा रेखा निकलकर स्पष्ट रूप से हृदय रेखा में जाकर मिल जाए तो उस जातक को यात्रा के दौरान ही प्रेम संबंध अथवा प्रेम विवाह होने की पूर्ण संभावना होती है।
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अचानक कार्यक्रम स्थगित होते हैं ऐसे लोगों के...
चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा पर यदि कोई क्रास हो तथा उसके समीप चतुष्कोण भी हो तो अक्सर यात्रा का तयशुदा कार्यक्रम अकस्मात स्थगित करना पड़ता है। चंद्र पर्वत से निकलकर कोई यात्रा रेखा मस्तिष्क रेखा से मिल जाए तो जातक को यात्रा में कोई व्यवसायिक समझौता अथवा बौद्धिक कार्यों का अनुबंध करना पड़ता है।
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