Thursday, April 18, 2024

जानें...अपनी किसी मनोकामना के लिए रखें कौन सा व्रत, उपवास के इन नियमों का पालन होगा फलदायी

अंग्वाल न्यूज डेस्क
जानें...अपनी किसी मनोकामना के लिए रखें कौन सा व्रत, उपवास के इन नियमों का पालन होगा फलदायी

नई दिल्ली । ऋषियों-मुनियों के देश भारत में व्रतों का आध्यात्किम महत्व है। हमारी पौराणिक कथाओं में अलग-अलग नक्षत्रों, समय काल या तिथियों में व्रत रखने को मनचाही इच्छापूर्ती का एक सरल और सीधा रास्ता बताया गया है। यूं तो व्रत या उपवास का आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है, जिसमें जहां वैज्ञानिक आधार व्रत शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए आवश्यक बताया जाता है, वहीं आध्यात्मिक रूप से व्रत आदमी के मन और आत्मा को शुद्ध और नियंत्रित करते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि एकादशी ,पूर्णिमा, अमावस्या जैसी अलग अलग तिथियाँ मानव शरीर पर अलग अलग तरह से असर डालती हैं। ऐसे में इन तिथियों में उपवास या व्रत रखना, कई मायनों में लाभकारी होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इन तिथियों पर आप व्रत रखकर अपनी मनचाही मुरादें पूरी कर सकती हैं। तो आइये बताते हैं किस इच्छापूर्ती के लिए कौन सा व्रत होता है अहम ...

इन तिथियों के व्रत होते हैं लाभकारी

पंडितों के अनुसार,  व्रतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत एकादशी ,पूर्णिमा, अमावस्या और नवरात्रि के माने जाते हैं। इन तिथियों में रखे गए व्रत जातक को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। इन तिथियों के तहत कई तरह की शुभ दिन आते हैं, जिनमें आप व्रत रखकर लाभ उठा सकते हैं।

चंचला कम करने को करें ये काम

कुछ परिजन अपने बच्चों की चंचलता से परेशान होते हैं। ऐसे में अगर वो अपने लिए या अपने बच्चों के लिए एकादशी का नियमित व्रत रखेंगी तो उससे जिसके नाम पर वो व्रत रख रही है, उन्हें लाभ होगा। इतना ही नहीं इस तिथि पर व्रत रखने वालों को धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है।  पूर्णिमा या अमावस्या का व्रत रहने से हारमोन की समस्या ठीक होती है तथा मनोरोग दूर होते हैं।

ये भी पढ़ें- साल 2018 में इन 6 राशियों के जातकों पर ग्रहों की रहेगी विशेष अनुकंपा, धनलाभ के साथ अपने घर का सपना होगा पूरा

ये भी पढ़ें- जानिए आखिर मिथुन राशि के जातक क्यों इतना आकर्षित करते हैं, क्या होते हैं इन राशि के जातकों के गुण-दोष

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को रखें ये व्रत

इसी प्रकार पंडियों का मानना है कि अगर कोई जातक अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर पाता है और समय समय पर बीमार पड़ जाता है तो उनके लिए  वर्ष में केवल दोनों नवरात्रियों का उपवास रखने मात्र से ही काफी लाभ होंगे। इन तिथियों पर व्रत रखकर आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।

मनचाहे जीवन साथी के लिए

अगर आप अपना मनचाहा जीवनसाथी चाहते हैं तो आपको भगवान शंकर की अराधना करनी चाहिए। इसके लिए आप सोमवार का व्रत रखें, शिव-पार्वती की पूजा करें। इस दौरान ध्यान रखें कि आप शिव लिंग पर बेल पत्र तथा जल अर्पित करें। साथ ही  पार्वती मंगल का पाठ करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है।


ये भी पढ़ें- शनि के प्रकोप से बचना है तो व्रत नहीं सिर्फ ऐसे करें पूजन और पाए शनिदेव की कृपा 

धन तथा समृद्धि के लिए कौन सा व्रत रखें?

अगर आप धन या समृद्धि की मनोकामना कर रही हैं तो आपकों शुक्रवार के व्रत रखने चाहिए। इसके साथ ही मां लक्ष्मी का पूजना करना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन सिर्फ सफेद खाद्य पदार्थ ग्रहण करें नमक और खट्टी चीज़ों का सेवन न करें।

अपनी इच्छा पूर्ति के लिए इन तिथियों में रखें व्रत 

इसी प्रकार अगर आप किसी विशेष उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अराधना करना चाहते हैं या व्रत-उपवास रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप एकादशी के व्रत रखें। बेहतर होगा अपनी पूजा के दौरान भगवान् विष्णु या कृष्ण की पूजा करें। विष्णु सहस्त्रनाम या श्रीमदभागवत का पाठ करें।

व्रत रखने वाले रखें ये ध्यान...

1- अपनी किसी मनोकामना के लिए जातक द्वारा रखा गया व्रत तभी पूर्ण माना जाएगा जब वह उस दिन नमक और अन्न का सेवन न करे। अपने व्रत को और ज्यादा शुद्ध और प्रभावकारी बनाने के लिए जहाँ तक हो सके जलीय आहार ही ग्रहण करें। 

2- अमूमन व्रत को रखने के भी कुछ नियम होते हैं। व्रत भी दो प्रकार से रखे जाते हैं, जिसमें जहां निर्जल व्रत (व्रत के दौरान पानी तक भी  न पीना) और फलाहारी या जलीय व्रत (सिर्फ पानी पीना) रखे जाते हैं।

3- हालांकि ऐसा मानना है कि निर्जल व्रत वहीं जातक रखे जो किसी प्रकार के रोग से पीड़ित न हो, अन्यथा दूसरे जातकों की सेहत पर इसका खराब असर भी पड़ सकता है।

4- व्रत वाले दिन खान पान में रसीले फल ,कंद या मूल या जल -दूध या दही लेनी चाहिए, संध्या काल में पूजा करने के बाद या अर्घ्य देने के बाद ही फलाहार करना चाहिए। 

5- व्रत की समाप्ति अगले दिन सूर्यास्त के बाद नींबू पानी पीकर करनी चाहिए,  अगले दिन पारायण करने के पूर्व भोजन या अन्न का दान करना चाहिए।  

Todays Beets: