देहरादून । उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान का दिन नजदीक आता जा रहा है। राज्य में प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया 20 से 27 जनवरी तक चली। नामांकन खत्म होने के बाद प्रत्याशियों संग पार्टी के बड़े नेताओं ने भी प्रचार तेज कर दिया है। राज्य में भाजपा, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां तो दमखम दिखा ही रही हैं लेकिन इस बार क्षेत्रिय पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले विधानसभा (2012) चुनावों की बात करें तो यही हाल पहले भी था। चलिए इस बीच नजर डालते हैं उत्तराखंड की हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर। देखते हैं पिछली बार इस सीट पर मतदाताओं का
रुझान किस ओर रहा था।
हरिद्वार ग्रामीण सीट का रुख करें तो पिछली बार यहां से कांग्रेस के यतिश्वरा नंद ने 25159 (32.41%) वोट पाकर बाजी मारी। लेकिन इसी सीट पर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के इरशाद अली ने 21284 (27.42%) वोट पाकर कांग्रेस के यतिश्वरानंद को कड़ी टक्कर दी थी । यतिश्वरानंद ने इनको 3935 (5.07%) वोटों के अंतर से हराया था। तीसरे नंबर पर रहे भाजपा के उम्मीदवार शेषराज सिंह ने 19158 (24.68%) पाए तो उत्तराखंड क्रांतिदल के श्रीकांत वर्मा 6458 (8.32%) वोट पाकर चौथे नंबर पर थे। 18 उम्मीदवारों वाली इस सीट पर 96,683 मतदाता थे। इनमें से 77607 (80.27%) मतदाताओं ने वोट किया।
क्षेत्रिय पार्टियों ने दिखाया था दम
यूं तो पिछली बार विधानसभा चुनावों में कई निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए थे, जिन्होंने बड़े नेताओं का चुनावी गणित बिगाड़ा था। लेकिन हरिद्वार ग्रामीण सीट पर पिछली बार कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार टक्कर देता नजर नहीं आया। हालांकि क्षेत्रिय पार्टी को भाजपा से ज्यादा तरजीह दी गई। इस सीट से छह निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। वोट बैंक की बात की जाए तो सभी निर्दलीय उम्मीदवारों को महज डेढ़ फीसदी (1226) वोट मिले थे । इससे साफ हैं कि हरिद्वार ग्रामीण सीट के मतदाताओं का रुझान राष्ट्रीय और क्षेत्रिय पार्टी की तरफ ज्यादा है।