देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। अपने जीवन के कई बसंत देख चुके नारायण दत्त तिवारी अपने बेटे रोहित को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। कांग्रेस हाईकमान से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी से भी संपर्क साधा था, वहां से भी उन्हें मायूसी ही मिली। इसके बाद बुधवार सुबह वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।
बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद
गौरतलब है कि नारयण दत्त तिवारी अपने बेटे रोहित के लिए जहां से टिकट चाहते हैं वहां से अभी भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अभी देहरादून की चकराता, विकासनगर, धर्मपुर और नैनीताल की हल्द्वानी, भीमताल और रामनगर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। दूसरी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए 11 नेताओं में से 9 नेताओं को पार्टी ने टिकट मिल चुका है। जबकि 2 सीट अभी भी खाली है। ऐसे में तिवारी के अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक भविष्य की तलाश कर रहे हैं।
पुराने कांग्रेसी नेता हैं
ऐसा माना जा रहा है कि आमतौर पर उम्र के जिस पड़ाव में उन्हें राजनीति से संन्यास लेना चाहिए वहां वे राजनीति की नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि नारायण दत्त तिवारी 3 बार उत्तरप्रदेश और 1 बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2007 में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए थे। इसके अलावा उन्होंने 80 के दशक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। वह कांग्रेस के पुराने सिपाही और मौजूदा समय में सर्वाधिक राजनीतिक अनुभव वाले व्यक्तियों में से एक हैं। अगर तिवारी का बीजेपी में शामिल होने पर मुहर लग जाती है तो ऐसा होगा कि प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के पाले में खड़े दिखाई पड़ेंगे।