लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा और कांग्रेस समेत अन्य दलों का महागठबंधन अधर में लटक गया है। सीटों के बंटवारे को लेकर सही समीकरण नहीं बैठ पाने के चलते अभी तक इस महागठबंधन का ऐलान नहीं हो सका है। इससे इतर सपा महागठबंधन को लेकर जिस रालोद से सीधे बात नहीं करना चाहती थी, उस रालोद के प्रमुख ने अखिलेश को दो टूक सुना दी है। रालोद ने यूपी विधानसभा चुनावों में अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली है।
रालोद के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले ही लड़ेगी। उनके मुताबिक अभी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं हुई है, इसी कारण उनकी पार्टी अब चैधरी अजीत सिंह के नेतृत्व में अकेले ही चुनावी दंगल में उतरेगी। त्यागी के अनुसार समाजवादी पार्टी ने ही पहले गठबंधन करने की इच्छा जताई थी। अब नामांकन को केवल 5 दिन ही रह गये हैं और अभी तक कोई खास बात-चीत आरएलडी और सपा के बीच नहीं हुई है। हालांकि अभी तक यह बात सामने आई थी कि समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को मात्र 20 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन की बात की थी। वहीं आरएलडी 35 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी मंशा ज़ाहिर कर चुकी है।
अगर बात कांग्रेस-सपा के गठबंधन की करें तो उसकी स्थिति का भी अंदाज़ा अभी लगा पाना बहुत मुश्किल है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस 100 सीटों के साथ चुनावी दंगल में उतरना चाहती है वहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 85 सीटों पर ही चुनाव लड़ने देना चाहती है। इस बात से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सपा में महागठबंधन के ठीक पहले कैसी उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
वहीं कांग्रेस चाहती है कि अमेठी और रायबरेली की सारी सीटें उसे मिल जाएं लेकिन अब सपा को यह बात आसानी से नहीं पच रही। इसके इतर, रामपुर क्षेत्र की सीटों को लेकर भी पेच फंसा हुआ है। सपा के महागठबंधन में अन्य दलों को लेकर भी दिक्कतें सामने आ रही हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को सपा विधायकों से महागठबंधन को लेकर मीटिंग की। सपा में बीते कुछ दिनों से चल रही पारिवारिक कलह अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही थी, अब उसके थमने पर पार्टी में महागठबंधन को लेकर गतिरोध पैदा होने की खबरें हैं। बहरहाल अब देखना यह होगा कि कांग्रेस और सपा के बीच किन शर्तौं पर और कब तक गठबंधन होता है।