हैदराबाद के चिलकुर में एक मंदिर है जिसका नाम है वीज़ा बालाजी है। श्रद्धालु यहां वीज़ा इंटरव्यू से पहले आते हैं और अगर उनको वीज़ा मिल जाता है तो उन्हें इस मंदिर के 108 चक्कर लगाने होते हैं।
आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में कई पुराने मंदिर मौजूद हैं पर यहां के एक मंदिर में 70 खम्बों में से एक खंबा हवा में लटका हुआ है। यहां घूमने आने वाले लोग इसके नीचे से चीज़ें गुज़ारते हैं।
जतिंगा असम के बोरेल पहाड़ियों की तलहटी में बसा है। सितंबर से अक्टूबर महीने के बीच यहां प्रवासी पक्षी बहुत स्पीड से उड़ते हुए आते हैं और पेड़ों और पहाड़ों से टकराकर अपनी जान गंवा देते हैं।
उत्तराखंड में 16,500 फ़ीट की उंचाई पर स्थित रूपकुंड लेक ऐसी जगह स्थित है जहां किसी का बसना नामुमकिन है, लेकिन गर्मियों में जब बर्फ़ पिघलती है तो इस ताल की तलहटी में आपको 600 के करीब मानव कंकाल दिख जाएंगे।
केरल के इडुक्की में लाल रंग की बरसात होती है। ये वाकया पहली बार 1818 में देखा गया। कुछ का कहना है कि मासूम लोगों की जान लेने पर ये बरसात होती है। वैज्ञानिक अभी तक इसके कारण का पता नहीं लगा सके।
कर्णाटक के रामनगर ज़िले में लोगों ने कुत्तों का एक मंदिर स्थापित किया है। यहां पर बकायदा इनकी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि ये मंदिर के भगवान के साथ-साथ चलते हैं।