Friday, April 26, 2024

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सावधान! कहीं आपमें तो नहीं डायबिटीज के लक्षण , जानें बीमारी से कैसे करें बचाव , क्या होना चाहिए डाइट चार्ट

सुनीता गौड़
सावधान! कहीं आपमें तो नहीं डायबिटीज के लक्षण , जानें बीमारी से कैसे करें बचाव , क्या होना चाहिए डाइट चार्ट

नई दिल्ली । वर्तमान दौर में हमारी जीवनशैली और काम में तनाव के चलते हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । इनमें से कुछ बीमारियां दूसरी समस्याओं को भी न्योता देती हैं । इन्हीं में से एक घातक बीमारी है ...मधुमेह यानी डायबिटीज । दुनिया भर में प्रतिवर्ष लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं और एक आंकड़े के अनुसार करीब 15 लाख प्रतिवर्ष इस बीमारी की चपेट में आकर मर जाते हैं। मौजूदा समय में दुनियाभर के करीब 9 फीसदी युवाओं में यह बीमारी देखने को मिली है । सामने आया है कि आज के समय में भी इस बीमारी के बारे में कई लोग जागरूक नहीं है, जिसके चलते समय रहते वह इस बीमारी को पकड़ नहीं पाते और समस्या के गंभीर हो जाने पर उन्हें खुद के इस बीमारी से ग्रसित होने का आभास होता है । 

यह बीमारी इसलिए बहुत बुरी इसलिए कही जाती है क्योंकि यह शरीर में कई दूसरी बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। इतना ही नहीं इस बीमारी में ग्रसित शख्स के शरी में ग्लूकोज का लेवल भी अलग अलग तरह से नजर आता है । किसी का शूगर लेवल हाई होता है तो किसी का शूगर लेवल कम हो जाता है। पहले यह बीमारी 40 की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है। 

हालांकि अधिकांश लोग मधुमेह की टाइप - 1 और टाइप- 2 श्रेणी से पीड़ित होते हैं। लेकिन इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी के चलते दिनों दिन यह समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है । इस आलेख में हम आपको इस बीमारी के कारण , उससे बचाव और इसके इलाज के बार में विस्तार से जानकारी देंगे । 

सबसे पहले डायबिटीज को समझें

चलिए सबसे पहले हम बात करते हैं इस बीमारी को लेकर , आखिर यह क्या है और कितनी घातक है । असल में हमारे शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत ग्लूकोज ही है । यह हमारे द्वारा खाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है । मसलन रोटी , पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही। जब हम इन खाद्य पर्दार्थों को खाते हैं तो हमारे खून में शामिल होकर शरीर के हर कोने में ग्लूकोज पहुंच जाता है , जहां हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। सीधे शब्दों में कहें तो जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है , तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इससे इंसुलिन नामक हार्मोन (जो हमारे भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करता है) का उत्पादन या उपयोग करने की क्षमता प्रभावित होती है। यही स्थिति मधुमेह यानी कहलाती है । मधुमेह यानी डायबिटीज होने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। 

जानें आखिर किस तरह शरीर के लिए है घातक 

असल में इंसुलिन एक हार्मोन है जो हमारी पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही हार्मोन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है । जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। यह स्थिति खतरनाक होती है, जिसे डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। आंकड़ों के अनुसार , मधुमेह महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पाया जाता है । इस बीमारी का कारण ज्यादातर वंशानुगत और बिगड़ी हुई जीवनशैली है । 

क्या है टाइप -1 डायबिटीज

असल में डायबिटीज यानी मधुमेह को कई श्रेणियों में रखा गया है , जो अलग अलग कारणों के चलते होती है । जब हम टाइप-1 मधुमेह ( डायबिटीज ) की बात करते हैं तो हम वंशानुगत रूप से आपमें आई इस बीमारी का उल्लेख करते हैं । मसलन , अगर आपके माता पिता या आनुवांशिक रूप से आपके शरीर में मधुमेह आई है तो इसे टाइप-1 की श्रेणी में रखा जाता है । इतना ही नहीं इस श्रेणी के लोगों के बच्चों में भी इस बीमारी के होने की आशंका रहती है । 

टाइप -2 मधुमेह (डायबिटीज)

जब आपकी बिगड़ी जीवनशैली के चलते आप इस बीमारी की चपेट में आते हैं तो इसे टाइप-2 श्रेणी की डायबिजीट कहा जाता है । इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।

गर्भवती मधुमेह  

गर्भावधि मधुमेह एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है , जिसमें किसी महिला के गर्भवति होने के दौरान उसका ग्लूकोज का स्तर बढ़ या घट जाता है । हालांकि गर्भावती मधुमेह को आहार और व्यायाम के साथ रोका जा सकता है। हालांकि कुछ महिलाओं को बच्चे के जन्म तक दवा या इंसुलिन की आवश्यकता हो सकती है। अमूमन , इस तरह का मधुमेह बच्चे के जन्म के बाद गायब हो जाता है, हालांकि यह इस संभावना को बढ़ा सकता है कि आप जीवन में बाद में टाइप 2 मधुमेह विकसित करेंगे।

इन 11 लक्षणों पर रखें पैनी नजर

- अगर आपका वजन बहुत तेजी से कम हो रहा हो तो सतर्क हो जाएं ।

- अगर आपको बहुत ज्यादा प्यास लग रही है तो आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं ।

-आपको बहुत ज्यादा भूख लगती हो ।

- अगर आप बार-बार पेशाब जाने की समस्या से परेशान हों तो 

- आपकी आंखों की रोशनी धीरे धीरे कम हो रही हो तो 

- किसी भी चोट के भरने में काफी समय लगना ।

- अगर आपके हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म हो रहे हो तो

- अगर आपके शरीर पर बार -बर फोड़े-फुंसियां निकल रही हो तो 

- अगर आपको चक्कर आ रहे हों तो

- आप अपने दैनिक जीवन में खुद को चिड़चिड़ा पाते हों

 

घातक है यह बीमारी

अमूमन आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि जिन लोगों को डायबिटीज का खतरा होता है , उन लोगों में हार्ट अटैक की आशंका सामान्य व्यक्ति से 50 गुना ज्यादा बढ़ जाती है । इस बीमारी से ग्रसित लोगों की मौत भी सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने से होती है । इसमें अचानक आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने या घटने से हार्मोनल बदलाव होता है । यह स्थिति आपकी कोशिशएं क्षतिग्रस्त कर देती हैं , जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।

जानें आखिर कैसे कर सकते हैं इससे बचाव

- इस बीमारी से बचाव के लिए समय समय पर अपने शरीर में ग्लूकोज की मात्रा की जांच करते रहें । ध्यान रखें , अगर खाना खाने से पहले इसकी मात्रा 100 और खाना खाने के बाद इसकी मात्रा 125 से ज्यादा है तो आप इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं । ऐसे में आप सतर्क हो जाएं। हर तीन महीने पर HbA1c टेस्ट कराते रहें ताकि आपके शरीर में शुगर के वास्तविक स्तर का पता चलता रहे। 

- ऐसे लोगों के लिए बेहतर होगा कि वह दिन में तीन बार खाने के बजाए , खाने की उस मात्रा को छह या सात बार में खाएं। 

-अगर आप शराब पीते हैं तो बेहतर होगा धीरे धीरे पूरी तरह छोड़ दें। इसी तरह सिगरेट पीने वालों को भी अपनी यह आदत बंद करनी होगी । 

- अपने काम में लगातार घंटों तक न बैठे रहें , बीच-बीच में उठकर थोड़ी देर घूम लें । 

- दिन में 8 घंटे की पूरी नींद जरूर लें । आपके शरीर के लिए कम नींद भी बहुत घातक होती है। 

- तनाव को कम करने के लिए आप ध्यान लगाएं या संगीत आदि सुनें।

- अपने खान पीन में भी बदलाव करने होंगे । जैसे कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। अपने खाने में चीनी को पूरी तरह बंद कर दें। अपने खाने में सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को शामिल करें । अपने खाने में फाइबर का सेवन बढ़ाएं । 


- बेहतर होगा गेहूं - जौ चने के साथ लेकर आटा पिसवाएं और उसकी बनी रोटियां खाएं । 

- अपने खाने में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को बढ़ाएं । 

- फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। ध्यान रखें कि डायबिटीज के मरीजों को आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।

- आप रात में मेथी दाना भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाएं ।

- इसी क्रम में आप अपने खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें । जितना हो सके अपने खाने में आलू, चावल और मक्खन का उपयोग न के बराबर करें।

- इस बीमारी का सबसे अचूक इलाज है आपका अपनी जीवनशैली में बदलाव करना । मसलन आपको अपना शारीरिक श्रम बढ़ाना होगा। अगर हो सके तो नियमित व्यायाम करें , अगर किन्हीं कारणों से यह नहीं कर सकते तो नियमित रूप से दिन में 3 से 4 किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें । अगर योग कर सकते हैं तो यह भी फायदेमंद होगा । 

 

आखिर क्या होना चाहिए डाइट चार्ट

मधुमेह यानी डाइबिटीज से ग्रसित व्यक्ति के लिए पहले ही बताया जा चुका है कि दिन में तीन बार खाना खाने के बजाए 6 से 7 बार में थोड़ा थोड़ा खाना खाना लाभकारी होता है । यहां हम बता रहे हैं कि कैसे एक मरीज को सुबह से लेकर रात के बीच में क्या क्या और कब कब क्या खाना चाहिए ।

1- सबसे पहले बात करते हैं सुबह के नाश्ते की । टाइप 2 डायबिटीज के रोगी को सुबह  सही और हेल्दी नाश्ते का चुनाव करना होगा । शाकाहारी डायबिटीज डाइट चार्ट में सुबह के समय कॉफी, छाछ, दही, ब्लैक टी से शुरु किया जा सकता है। 

2 -  दूध के साथ एक कटोरी मुस्ली के साथ सलाद के तौर पर खीरा और टमाटर

3- 1 कटोरी दलिया और एक खीरा

4- दूध के साथ गेहूं की दलिया और 1 खीरा या टमाटर

5- 2-3 सब्ज़ियों से बना वेजिटेबल मूंग चिला

6- एक कटोरी वेजिटेबल दलिया का उपमा

7- 1 कटोरी हरी सब्ज़ी के साथ 2 रोटी

 

नाश्ते के बाद कब खाए दोबारा  

डायबिटीज रोगी को सुबह नाश्ते के 2 घंटे बाद भी कुछ न कुछ जरूर खाना चाहिए , क्योंकि आपको नाश्ते के समय ज्यादा नहीं खाना है , एक साथ बहुत सा भोजन करना ब्लड शुगर बढ़ा सकता है । अगर आप नाश्ते के बाद 1 कफ ग्रीन टी पीते हैं तो बहुत लाभदायक होगा । आप नाश्ते में भूना चना  या कोई एक फल शामिल करना चाहिए । फलों में अपको सेब, संतरा, अमरूद और जामुन खाना चाहिए । 

दोपहर में क्या खाना चाहिए 

दिन के समय भोजन करते समय डायबिटीज रोगी को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि नाश्ते और दिन के भोजन के बीच कम से कम 4 घंटे का अंतर हो । साथ ही दिन में बहुत हल्का खाना खाएं। एक वयस्क को 2 रोटी, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल, 2 चम्मच अंकुरित अनाज खाना चाहिए। इस दौरान आप छाछ, दही भी खा सकते हैं । 

शाम का नाश्ता जरूरी है  

शाम होने पर भी आपको बहुत हल्का ही सही लेकिन कुछ खाना जरूरी है । इस समय में एक डायबिटीज के रोगी को ऊर्जा की जरूरत महसूस हो सकती है ।

- इस दौरान अगर आपको ज्यादा भूख नहीं है तो हल्के खाद्य पदार्थ खाएं । अगर आप कोई फल खाना चाहते हैं । 

- सेब, संतरा, अमरूद और जामुन में से कोई एक चुन सकते हैं । 

- फल के अलावा भुना हुआ चना भी खा सकते हैं । हालांकि इसकी मात्रा महज 4 - 5 चम्मच ही रखें । 

 

डिनर में क्या खाएं 

डायबिटीज रोगियों को डिनर में बहुत हल्के खाद्य पदार्थों लेने चाहिएं । रात में सब्जी और सलाद को महत्व देना चाहिए । रात में डायबिटीज रोगी केवल फल और सलाद खाएं तो बेहतर होता है । 

- आप खाने में 2 रोटी, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल और एक कटोरी सलाद खाएं । 

सोने से पहले भी कुछ खाएं  

खाने और सोने के बीच में 3-4 घंटे का अंतर जरूर रखें । मधुमेह रोगी को सोने से पहले ड्राईफ्रूट करना चाहिए । ड्राई फ्रूट में बदाम और अखरोट का सेवन सबसे अच्छा माना जाता है । अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें

इस दौरान यहां ये बात जरूर ध्यान रखें कि आप उपरोक्त बातों पर ध्यान देने के साथ ही डायबिटीज के लक्षण पाने जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। उनके निर्देशानुसार ही आप अपना इलाज और अपने खान पान का डाइट चार्ट बनवाएं । यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हर एक शख्स के शरीर की बनावट और रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग अलग होती है । ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी भी रूटीन को फॉलो करें । 

 

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