मुंबई । भारत में #MeToo अभियान के तहत इतने खुलासे हो रहे हैं कि मानों हॉलीवुड पिछड़ गया हो। बॉलीवुड में कई दिग्गज अभिनेताओं के साथ कई फिल्म निर्देशकों के दामन पर दाग लगाए गए हैं, हालांकि आरोपों के बाद अभी कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन आरोप लगाए जाने का क्रम बदस्तूर जारी है। इस सब के बीच टीवी-फिल्मों के दिग्गज अभिनेता आलोकनाथ पर उनकी ऑनस्क्रीन बहु और अभिनेत्री रेणुका शहाणे (Renuka Shahane) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। फिल्म हम आपके हैं कौन में आलोकनाथ की बहु बनी रेणुका ने कहा कि आलोक नाथ की बदतमिजियां ऐसी थी, जिसे फिल्म उद्योग में बुरी तरह से छुपाया ।
रेणुका शहाणे ने कहा, "सभी को पता है कि एक बार जब वह (आलोक नाथ) शराब के नशे में डूबते हैं तो वह बिल्कुल एक अलग तरह के इंसान बन जाते हैं। जब मैंने संध्या मृदुल (आलोकनाथ पर शोषण के आरोप लगाने वाली एक अभिनेत्री) की कहानी पढ़ी तो मैंने सोचा कि कम से कम आलोकनाथ ने यह स्वीकार तो किया। लेकिन हम यह देखते आए हैं और उनका व्यवहार लगातार वैसा ही रहता आया है। मुझे पार्टी करना ज्यादा पसंद नहीं है। इसलिए मेरा अनुभव उनके साथ वैसा नहीं रहा।"
फिल्म और टीवी जगह की इस दिग्गज अभिनेत्री, रेणुका का मानना है कि हर लड़की ने उम्र के किसी न किसी दौर पर उत्पीड़न झेला है। उनके पास भी ‘मी टू' से जुड़ी कहानी है लेकिन उनके साथ गलत काम करने वाला कोई प्रसिद्ध व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा, “मैं नहीं मानती हूं कि ऐसी एक भी महिला होगी जिसके पास ‘मी टू' की कहानी नहीं होगी। मेरी कहानी में कोई प्रसिद्ध व्यक्ति शामिल नहीं था। यह काफी समय पहले हुआ था लेकिन इसने मुझे प्रभावित किया था। इसने मेरे दुनिया देखने के नजरिए को प्रभावित किया।'' शहाणे ने कहा कि उन्होंने फिल्म उद्योग के भीतर यौन उत्पीड़न नहीं झेला लेकिन यह सिर्फ भाग्य की बात हो सकती है। अभिनेत्री ने कहा, "मेरे पास भी प्रस्ताव आए थे लेकिन मेरे इंकार करने के बाद मेरी भावनाओं की कद्र की गई।
शहाणे ने कहा, मैंने अपनी पूरी जिंदगी लोकल ट्रेन और बसों में सफर करते हुए बिताई है। यात्रा के दौरान आपको पता होता है कि कोई आपको छूकर, आपके स्तन को दबाकर निकल जाएगा या ऐसा ही कुछ और करेगा। यह फर्क नहीं पड़ता है कि आप किस उम्र की हैं, शादीशुदा हैं या गर्भवती हैं। यह कभी न खत्म होने वाली सूची है।"
अभिनेत्री ने कहा कि राजश्री अपने फिल्म के सेट पर कड़ा अनुशासन बनाकर रखता था। जब शहाणे से पूछा गया कि कुछ लोग इस आंदोलन के बारे में कह रहे हैं कि यह ‘सार्वजनिक लिंचिंग' है और निर्दोष पुरुष भी इसमें फंस रहे हैं तो शहाणे ने इस पर असहमति जताई। उनका कहना है कि कोई भी निर्दोष को जेल भेजना नहीं चाहता है। यह आंदोलन इसलिए उभर कर आया क्योंकि कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी है।