हैदराबाद । अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियां बंटोरने वाले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से आरएसएस प्रुमख मोहन भागवत पर गंभीर आरोप लगाए हैं । औवेसी ने भागवत के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का मुसलमान दुनिया में सबसे संतुष्ट है । उन्होंने कहा - संघ प्रमुख हमें न बताएं कि हम कितने खुश हैं। जबकि उनकी विचारधारा तो भारत के मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागनिक बनाना चाहते हैं । ओवैसी ने ट्वीट करके लिखा - खुशी का पैमाना क्या है? यही कि भागवत नाम का एक आदमी हमेशा हमें बताता रहा कि हमें बहुसंख्यकों के प्रति कितना आभारी होना चाहिए?
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बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि दुनिया में अगर मुस्लिम किसी देश में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं तो वह भारत है । उन्होंने कहा कि क्या दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा है जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी वजूद में हो । इसके बाद इस सवाल का खुद ही जवाब देते हुए उन्होंने कहा था - कहीं नहीं, केवल भारत में ही ऐसा है । उन्होंने कहा था कि ऐसी कोई शर्त नहीं है कि भारत में रहने के लिए किसी को हिन्दुओं की श्रेष्ठता को स्वीकार करना ही होगा, और संविधान भी ऐसा नहीं कहता है ।
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उनके इस बयान पर अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी टिप्पणी की है । उन्होंने कहा - हमारी खुशी का पैमाना यह है कि क्या संविधान के तहत हमारी मर्यादा का सम्मान किया जाता है या नहीं, अब हमें ये नहीं बताइए कि हम कितने खुश हैं, जबकि आपकी विचारधारा चाहती है कि मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया जाए ।
ओवैसी बोले - मैं आपको ऐसा कहते हुए सुनना नहीं चाहता हूं कि हमें अपने ही होमलैंड में रहने के लिए बहुसंख्यकों के प्रति कृतज्ञता जतानी चाहिए । हमें बहुसंख्यकों की सह्रदयता नहीं चाहिए, हम दुनिया के मुसलमानों के साथ खुश रहने की प्रतिस्पर्द्धा में नहीं हैं, हम सिर्फ अपना मौलिक अधिकार चाहते हैं ।
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