नई दिल्ली । देश में कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जहां केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी की है , वहीं राज्य सरकारों ने भी अपने स्तर पर कई सख्त फैसले लेना शुरू कर दिया है । एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के बहुत बड़ी संख्या में आंकड़े सामने आने पर अब लालकिला - कुतुबमीनार समेत भारतीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई (ASI ) की सभी 3693 ऐतिहासिक धरोहरों पर 15 मई तक ताला लगा दिया गया है । मतलब अब अगर एक महीने तक इन ऐतिहासिक घरोहरों को पर्यटकों के लिए नहीं खोला जाएगा । इस फैसले के बाद एक बार फिर से देश में पर्यटन को करारा झटका लगा है ।
इस संबंध में बृहस्पतिवार देर शाम एएसआइ के निदेशक (स्मारक) एन के पाठक ने आदेश जारी कर दिए। इसमें इन आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू किए जाने की बात कही गई है। इससे पहले लाकडाउन लगने पर मार्च 2020 के अंत से देश के सभी स्मारक बंद कर दिए गए थे। इसके बाद पर्यटकों की संख्या सीमित कर छह जुलाई को टिकट वाले सभी स्मारकों को खोलने की अनुमति दे दी गई थी। कोरोना के मामले कम होने पर 19 दिसंबर को पर्यटकों की संख्या से कैपिंग हटा ली गई थी।
बता दें कि देश में एएसआइ के अंतर्गत 3693 स्मारक हैं। इनमें से दिल्ली में 174 स्मारक हैं। देश भर में 143 स्मारकों में टिकट लगता है। इनमें से दिल्ली में टिकट वाले 11 स्मारक शामिल हैं। दिल्ली में जिन स्मारकों में टिकट लगता है उनमें विश्व धरोहर लाल किला, कुतुबमीनार, हुमायूं का मकबरा सहित राष्ट्रीय स्मारक पुराना किला, खान ए खाना का मकबरा, कोटला फिरोजशाह, जंतर मंतर, सजदरजंग का मकबरा, हौजखास परिसर व तुगलकाबाद का किला आदि शामिल है।
विदित हो कि राष्ट्रीय राजधानी समेत महाराष्ट्र और करीब 10 अन्य राज्यों में कोरोना के मामलों में हुई बेतहाशा वृद्धि है । दिल्ली में जहां केजरीवाल सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया है , वहीं महाराष्ट्र के कई शहरों में पहले से ही कड़ी पाबंदियां लगा दी गई है । यूपी में भी नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है । ऐसे हालात में एक बार फिर से उभरते पर्यटन को करार झटका लगा है ।
इस बीच एएसआई ने भी अपने सभी ऐतिहासिक धरोहरों पर 15 मई तक बंद करने का ऐलान किया है । इस सबके बाद उन लोगों को योजनाएं धुमिल हो गई हैं , जिन्होंने इस बार गर्मियों में धूमने के लिए दूसरे शहरों में जाने और ऐतिहासिक धरोहरें देखने की प्लानिंग की थी।