नई दिल्ली । दुनिया के लिए आतंक का पर्याय बन चुके तालिबान को गुरुवार शाम खुद एक आतंकी वारदात का खामियाजा भुगतना पड़ा । काबुल एयरपोर्ट के करीब हुए सीरियल ब्लास्ट में जहां 13 अमेरकी कमांडो मारे गए हैं , वहीं इस आतंकी हमले में 28 तालिबानी लड़ाकों की भी मौत हो गई है । तालिबान का कहना है कि ये सभी लड़ाके एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात हैं , उन्होंने इस सीरियल ब्लास्ट में अमेरिका से दोगुने से ज्यादा लोगों को खोया है ।
बता दें कि काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सैना के कब्जे को हटाने के लिए तालिबान ने अमेरिकी प्रशासन को चेतावनी देते हुए 31 अगस्त तक देश छोड़कर जाने की बात कही थी । तालिबान ने कहा था कि समयसीमा के बाद अमेरिका को और मौका नहीं दिया जाएगा । वहीं अमेरिका ने भी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अफगानिस्तान में उनके लोगों को कुछ हुआ तो , तालिबान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे ।
बहरहाल , इस आतंकी हमले में अमेरिका ने अपने 13 कमांडो खोए हैं , जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वह आतंकियों को चुन चुनकर मारेंगे । इसके लिए समय और जगह वह खुद चुनेंगे।
तालिबान राज में यह पहला आतंकी हमला है । हालांकि इस आतंकी हमले की जिम्मेदार आईएसआईएस (खुरसान ) ने ली है । इस सबके बीच एक बार फिर से काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है । तालिबान ने हाल में ऐलान किया था कि वह अब किसी भी अफगानिस्तानी को देश से नहीं जाने देंगे । अब ऐसे समय में जब आतंकी संगठनों द्वारा आगे भी ऐसे ब्लास्ट की आशंका जताई जा रही हो , अफगानिस्तान में मौजूद दुनिया भर के लोगों को सुरक्षित देश से निकालना एक बड़ी चुनौती है ।