नई दिल्ली। नई शराब नीति को लेकर आरोपों में घिरे दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई है. उन्होंने रविवार को पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर जाने से पहले यह आशंका जताई । बहरहाल , शाम 6 बजे तक उनसे करीब 7 घंटे की पूछताछ जारी है । यह दूसरा मौका है जब सीबीआई नई शराब नीति मामले में पूछताछ करने जा रही है । सीबीआई दफ्तर जाने से पहले सिसोदिया राजघाट पहुंचे थे , लेकिन अब आम आदमी पार्टी खुद इस बाद को कह रही है कि आज सिसोदिया गिरफ्तार हो सकते हैं ।
सीबीआई ने 18 फरवरी को एक सम्मन जारी कर सिसोदिया को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. गौरतलब है कि सिसोदिया पर नई आबकारी नीति के जरिये शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. सिसोदिया ने रविवार सुबह किए ट्वीट में कहा, ‘आज फिर सीबीआई के पास जा रहा हूं, सारी जांच में पूरा सहयोग करूंगा. लाखों बच्चों का प्यार और करोड़ो देशवासियो का आशीर्वाद साथ है. कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं. भगत सिंह के अनुयायी हैं, देश के लिए भगत सिंह फांसी पर चढ़ गए थे. ऐसे झूठे आरोपों की वजह से जेल जाना तो छोटी सी चीज है.’
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले में ट्वीट करके कहा है, ‘भगवान आपके साथ हैं मनीष. लाखों बच्चों और उनके अभिभावकों की दुआएं आपके साथ है. जब आप देश और समाज के लिए जेल जाते हैं तो जेल जाना दूषण नहीं, भूषण होता है. प्रभु से कामना करता हूं कि आप जल्द जेल से लौटें.’ इससे पहले, शुक्रवार को भी केजरीवाल ने आशंका जताई थी कि सीबीआई मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लेगी. वहीं, आप नेता आतिशी ने कहा है कि सिसोदिया सीबीआई मुख्यालय जाएंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे. साथ ही कहा कि भाजपा आजतक एक रुपये का भी भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाई है.
नई शराब नीति नवंबर 2021 में घोषित की गई और इसेस 1500-2000 करोड़ का राजस्व हासिल होने की उम्मीद जताई गई थी. मई 2022 में एलजी ने नई नीति पर आपत्ति जताते हुए मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए थे, और फिर उनकी रिपोर्ट पर ही जुलाई 2022 में एलजी ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में सिसोदिया पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें कोविड में दुकान बंद रहने के नाम पर शराब कंपनियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट देना शामिल है. आरोप है कि आबकारी विभाग के मंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया ने बड़े फैसले किए और उन्हें करवाया लेकिन ये निर्धारित प्रावधानों और अधिसूचित आबकारी नीति के खिलाफ थे.
सिसोदिया पर बड़ी कंपनियों की मोनॉपोली बढ़ाना का आरोप लगा. 2021-22 में जिनको शराब के लाइसेंस मिले उनको टेंडर के बाद अनुचित लाभ पहुंचाया गया. इससे सरकारी खजाने को हानि पहुंची. गौरतलब है कि पिछले साल 17 अगस्त को सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सिसोदिया आरोपी नंबर-1 बनाया था. इसी मामले में 19 अगस्त को उनके घर सीबीआई का छापा पड़ा. उसी माह उनके बैंक लॉकर खंगाले गए. हालांकि, उसमें कुछ खास नहीं मिला. फिर बाद में 17 अक्तूबर को सीबीआई ने सिसोदिया से 9 घंटे तक पूछताछ की। उस समय भी मनीष सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. हालांकि, 25 नवंबर को सीबीआई की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं था.
इस साल 15 जनवरी को सिसोदिया के दफ्तर से कंप्यूटर जब्त किए जाने के बाद 18 फरवरी को उन्हें सीबीआई की तरफ से सम्मन भेजा गया है. और आज उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आज की पूछताछ इसलिए भी अहम है क्योंकि इस पूरे मामले में अहम किरदार माना जा रहा दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन चुका है. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी के कविता का पूर्व सीए बुच्ची बाबू भी शामिल है. कविता से भी इस मामले में पूछताछ हो चुकी है.