नई दिल्ली । अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार गठन होने के बाद जहां चीन - पाकिस्तान खुशी जाहिर कर रहे हैं , वह पड़ोसी मुल्क में तालिबान सरकार आने से भारत के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं । अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के पूरी तरह से वापस लौट जाने के बाद अब तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखाना भी शुरू कर दिया है। इस सबके बीच न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर जा सकते हैं । वह इस माह के अंतिम सप्ताह या 23-24 तारीख को अपना अमेरिकी दौरा कर सकते हैं। हालांकि अभी इस दौरे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
मिली सूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात कर तालिबान को लेकर कुछ गंभीर मंथन कर सकते हैं।अगर सब कुछ ठीक रहा तो पीएम मोदी 22 से 27 सितंबर के बीच अमेरिका के दौरे पर रह सकते हैं । मोदी की बाइडेन के साथ यह पहली सीधी मुलाकात होगी ।
अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी की मुलाकात के साथ ही भारत सरकार के कई अन्य अधिकारियों की अमेरिकी समकक्षों के साथ मुलाकात का भी इस दौरान प्रोगाम बन सकता है । अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार गठन के बाद मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार सतर्क हो गई है ।
असल में भारत ने अभी तक अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है । वहीं तालिबान ने भी अपने कुछ बयानों में कश्मीर का जिक्र करते हुए भारत के लिए चुनौती खड़ी करने के संकेत दिए हैं । इस समय चीन से मुलाकात करने के बाद तालिबान चीनी सरकार के सहयोग से अपने यहां विकास की राह देख रहा है , इसके लिए वह उन सभी प्रोजेक्ट्स को भी सही ठहरा रहा है , जिसे लेकर भारत आपत्ति जता चुका है ।
इस दौरान चीन को लेकर भी अहम बातचीत हो सकती है। चीन ने जिस तरह से तालिबानी नेताओं से मुलाकात की है और जिस तरह तालिबान ने चीन को अपना सबसे खास साथी करार दिया है। उसके बाद भारत के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।