Thursday, April 18, 2024

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चुनाव आयोग की पहल - अब देश में कहीं से भी कर सकेंगे मतदान ! , वोट डालने के लिए घर जाने की नहीं होगी जरूरत

अंग्वाल न्यूज डेस्क
चुनाव आयोग की पहल - अब देश में कहीं से भी कर सकेंगे मतदान ! , वोट डालने के लिए घर जाने की नहीं होगी जरूरत

नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने देश में होने वाले चुनावों में मतदान के प्रतिशत में इजाफा करने के लिए एक नई रणनीति बनाई है । असल में ऐसा पाया गया है कि बड़ी संख्या में अपना वोट इसलिए नहीं डाल पाते क्योंकि चुनाव वाले दिन वह अपने इलाके के चुनाव क्षेत्र में पहुंच नहीं पाते हैं । सरल शब्दों में कहें तो चुनाव के लिए वह अपने घर नहीं जा पाते । लेकिन चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रक्रिया में बड़े स्तर के बदलाव की तैयारी कर ली है । इसके तहत अब आप देश में कहीं से भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाल सकेंगे । इसका मतलब यह है कि भले ही आप अपने कार्यक्षेत्र में हों लेकिन नई तकनीक की मदद से मतदान वाले दिन आप अपने इलाके के चुनाव में हिस्सा लेकर वोट डाल सकेंगे । 

16 जनवरी को मशीन का होगा टेस्ट

असल में चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग के लिए एक प्रोटोटाइफ रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) की तैयार की है । यह मशीन एक पोलिंग बूथ से 72 अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग करवा सकती है । चुनाव आयोग ने इस मशीन की टेस्टिंग के लिए सभी राजनीतिक दलों को आगामी 16 जनवरी 2023 को बुलाया है । चुनाव आयोग आरवीएम के काम करने के तरीके के बारे में 8 राष्ट्रीय पार्टियों और 57 राज्य स्तर की पार्टियों को जानकारी देगा । 

राजनीतिक दलों से मांगी गई राय

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से 31 जनवरी तक इस वोटिंग सिस्टम को लेकर अपनी राय देने को कहा है । आयोग के मुताबिक सभी राजनीतिक दलों के फीडबैक के आधार पर आरवीएम से वोटिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा । अगर इस वोटिंग सिस्टम को हरी झंडी मिल जाती है तो प्रवासी लोगों यानी घर से दूर दूसरे शहरों में या राज्यों में रहने वाले लोगों के लिए वोट डालने की टेंशन खत्म हो जाएगी । वो अपने निवास स्थान के लिए नेताओं को चुनने में बिना वहां पहुंचे भागीदार बन सकेंगे । 


प्रवासी नौकरीपेशा - मजदूर और छात्र भी दे सकेंगे वोट

अगर इस मशीन को अनुमति मिलती है तो आने वाले समय में प्रवासी नौकरीपेशा लोगों के साथ ही कामगार मजदूरों , पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में गए बालिग छात्रों को भी वोट देने में सुविधा होगी । अभी इन लोगों के वोट बेकार हो जाते हैं क्योंकि मतदान वाले दिन ये लोग अपने शहरों में होते ही नहीं है । 

इसलिए बनाई गई मशीन 

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 के चुनावों में महज 67.4 फीसदी लोगों ने वोट डाल पाए थे । देश के करीब 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट ही नहीं डाले थे । इनमें बड़ी संख्या में लोग अपने चुनाव क्षेत्र में मौजूद नहीं थे , जबकि कुछ ने अपनी इच्छा से मतदान नहीं किया । आयोग ने इस समस्या को खत्म करने के लिए आरवीएम को तैयार किया है । असल में चुनाव आयोग का ऐसा मानना है कि लोकतंत्र के इस पर्व में ज्यादा से ज्यादा लोग अपना योगदान दें । इससे न केवल मतदाता प्रतिशत में सुधार आएगा बल्कि अधिक से अधिक लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेंगे ।

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