नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुक्रवार शाम चुनाव आयोग ने दोपहर बाद 3 बजे प्रेस वार्ता बुलाई है । ऐसी संभावना है कि चुनाव आयोग दोनों राज्यों में होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा । ऐसी खबरें हैं कि आयोग ने अगले महीने 15 नवंबर के करीब हिमाचल प्रदेश में चुनाव करवाने का फैसला लिया है , क्योंकि पहाड़ी राज्य होने के चलते यहां सर्दियों में बर्फबारी का लोगों को सामना करना पड़ सकता है । इसके चलते मतदाता अपने घरों से निकलने में सहज नहीं होंगे । वहीं गुजरात में भी नवंबर के अंत से पहले चुनाव होंगे ।
हिमाचल की 68 सीटों पर ''रण''
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2017 में 68 सीटों पर विधानसभा चुनान हुए थे , जिसमें भाजपा 44 सीटों पर जीती थी । वहीं विपक्षी दल कांग्रेस के हिस्से 21 सीटें आईं थीं । इसी क्रम में 3 सीटों पर अन्य दलों का कब्जा रहा था । भाजपा को उस दौरान 48.8 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 41.7 फीसदी । पिछले चुनावों में भले ही भाजपा ने सरकार बना ली हो , लेकिन उन्हें बड़ा झटका यह लगा था कि उनके सीएम पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल और प्रदेश अध्यक्ष चुनाव हार गए थे । इस सबके चलते इस बार भाजपा काफी ध्यान से चुनावों की रणनीति लेकर मैदान में उतरी है । वहीं कांग्रेस ने हिमाचल में देर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है । जहां भाजपा के कई दिग्गज मंत्री हिमाचल में अपनी रैलियां और रोडशो कर चुके हैं , वहीं कांग्रेस उदासीन नजर आ जरी है । हालांकि प्रियंका गांधी की एक रैली आज हिमाचल में हो रही है । हालांकि आम आदमी पार्टी भी चुनावों में सक्रिय दिख रही है , लेकिन लगता नहीं कि वह पहाड़ी राज्य में कुछ खास कर पाएगी । उत्तराखंड में उन्हें जैसी हार मिली , कुछ ऐसा ही हाल हिमाचल में भी होने की आशंका है । गुजरात में इस बार आप भी मैदान में
वहीं गुजरात की 198 सीटों वाली विधानसभा में इस समय भाजपा का कब्जा है । 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था । पिछली बार राज्य में दो चरणों में मतदान हुआ था , जिसमें भाजपा ने 99 सीटों , तो कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी । इसी क्रम में एनसीपी को 1, भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 और निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटों पर जीत मिली थी । हालांकि 2012 के चुनावों की तुलना में भाजपा को पिछली बार झटका लगा था । 2012 में हुए चुनाव में भाजपा को 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 61 । बहरहाल , इस बार चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी भी सक्रिय है । कुछ जगहों पर आम आदमी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है , जिसका असर स्थानीय नेताओं में देखा जा रहा है । भाजपा भी आम आदमी पार्टी को हल्के में नहीं ले रही है । यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है । एक बार फिर से कांग्रेस गुजरात में भी थोड़ी उदासीन नजर आ रही हैं।