नई दिल्ली । कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन 34वें दिन पहुंच गया है । सिंधु बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा इतनी ठंड में भी हिलने का नाम नहीं ले रहा है । हालांकि सिंधु बॉर्डर पर जुटे किसानों को किसी चीज की कमी भी नहीं है । कुछ दिनों पहले उन्होंने दिल्ली सरकार से आंदोलन स्थल के निकट WIFI हॉटस्पाट की मांग की थी , जिसे अब दिल्ली सरकार पूरा करने जा रही है । आम आदमी पार्टी ने सिंघु बॉर्डर पर Wi-Fi लगाने का ऐलान किया है, किसान आंदोलकारियों से मिली मांग के बाद आम आदमी पार्टी सिंघु बॉर्डर पर Wi Fi इंटरनेट सुविधा देगी । आम आदमी पार्टी सिंघु बॉर्डर पर अलग अलग-जगहों पर Wi Fi हॉटस्पॉट लगाएगी । वहीं पटना में कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिसवालों के बीच झड़प हुई , जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा ।
विदित हो कि सरकार और सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसानों के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । सरकार का प्रस्ताव मिलने पर किसानों ने साफ कहा है कि वो कानून वापस लेने और स्वामीनाथन रिपोर्ट पर ही चर्चा करेंगे । दरअसल 26 दिसंबर को किसानों ने सरकार को 4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहली शर्त यही है कि तीनों कृषि कानून खारिज करने की प्रक्रिया पर सबसे पहले बात हो. अपनी मांगों के साथ किसान 34वें दिन भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं ।
इस सबसे इतर , किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत कल यानि 30 दिसंबर को तय हुई है । लेकिन पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से राजभवन तक निकाले जा रहे मार्च को पुलिस ने रोका । इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई । हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है ।
वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से संयुक्त किसान मोर्चा के महाराष्ट्र से जुड़े किसान नेताओ ने मुलाकात की । ये किसान नेता सिंघु बॉर्डर और पलवल पर प्रदर्शन में शामिल हैं और सरकार के साथ वार्ता में भी हिस्सा ले चुके हैं । किसान नेताओ के मुताबिक, पवार ने किसान नेताओ ने कहा कि अगर 30 तारीख तक हल नहीं निकाला तो तमाम विपक्ष की पार्टियों के साथ बैठक कर किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे ।
किसानों के दिल्ली में आंदोलन और देश के अन्य हिस्सों में छिटपुट प्रदर्शन को लेकर केंद्र सरकार जवाबी रणनीति बनाने में जुटी है । 25 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया । मोदी सरकार इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि नए कानूनों पर उसे देशभर के किसानों का समर्थन हासिल है और चंद राज्यों के किसान संगठन ही राजनीतिक शह पर विरोध कर रहे हैं ।