कानपुर । कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर घबरा रहे लोगों के लिए अच्छी खबरें आई हैं । जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल के अंत तक कोरोना के पूरी तरह खत्म होने की संभावना जताई है , वहीं आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल (Manindra Agrawal) ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की तीसरी लहर अप्रैल तक खत्म हो जाएगी । ऐसा दावा किया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका से आए इस ओमिक्रोन वैरिएंट का असर , अफ्रीका की ही तरह भारत में भी कम हानिकारक होगा । दक्षिण अफ्रीका के साथ ही भारत में भी नेचुरल इम्युनिटी 80 प्रतिशत तक है । लेकिन इस दौरान लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचने की सलाह दी गई है ।
विदित हो कि आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राहत भरी बात कही है । उनका मानना है कि अप्रैल तक देश में कोरोना की तीसरी लहर खत्म हो जाएगा । जबकि मार्च में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा केस सामने आएंगे , लेकिन यह स्थिति ज्यादा हानिकारक नहीं होगी । ऐसी संभावना है कि दक्षिण अफ्रीका की तरह ही भारत में भी ओमिक्रोन वैरिएंट से लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी ।
इससे इतर , वैज्ञानिक ने चेतावनी दी कि चुनाव के दौरान रैलियां कोरोना संक्रमण के लिए सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती हैं क्योंकि इस तरह की सभाओं में कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) का पालन करना आसान नहीं है ।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि गाइडलाइंस का पालन किए बिना बड़ी संख्या में लोग चुनावी रैलियों में पहुंचते हैं तो संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है । ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर रैलियां होती हैं तो संक्रमण समय से पहले स्पीड पकड़ सकता है ।
अपने गणितीय मॉडल के आधार पर महामारी की भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक, जनवरी में भारत में तीसरी लहर आएगी और मार्च में रोजाना 1.8 लाख मामले आ सकते हैं । तीसरी लहर ये होगी राहत की बातउन्होंने कहा, 'ये राहत की बात होगी कि 10 में से 1 को ही अस्पताल की जरूरत होगी. मार्च के बीच में दो लाख बेड की जरूरत होगी ।
उनका कहना है कि अफ्रीका और भारत में 80 फीसदी आबादी 45 साल से कम उम्र की है । दोनों देशों में नेचुरल इम्युनिटी 80 प्रतिशत तक है । ऐसे में भारत में भी ज्यादा दिक्कतें आने की आशंका नहीं है ।