नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कोरोना काल के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर चिंता जताते हुए इस मामले में यूपी की योगी सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा था । हालांकि इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद खुद कांवड़ यात्रा संघ ने इस बार भी देश की इस धार्मिक कांवड़ यात्रा को रद्द करने का ऐलान कर दिया । इस सबके बीच केरल सरकार के बकरीद के मौके पर कोविड-19 प्रतिबंधों से राहत देने के फैसले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हैरानी जताई है । इतना ही नहीं यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जहां कोर्ट ने आज शाम तक केरल सरकार से जवाब मांगा है। IMA का कहना है कि केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले है इसके बावजूद केरल सरकार का सख्ती हटाने का फैसला सही नहीं है ।
विदित हो कि पिछले दिनों कांवड़ यात्रा को लेकर चिंता जताई गई और कहा गया कि इससे कोरोना बढ़ने का खतरा बढ़ेगा । भारी हो हल्ले के बीच उत्तराखंड सरकार ने अपने यहां कांवड़ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर कार्रवाई करने की बात कही । सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अपने यहां कांवड़ यात्रा की इजाजत देने पर हलफनामा मांगा ।
लेकिन इस मुद्दे पर विवाद बढ़ते की कांवड़ यात्रा समीति ने खुद इस बार कोरोना की आपदा को देखते हुए यात्रा को रद्द करने का ऐलान कर दिया , जिसकी जानकारी यूपी सरकार ने कोर्ट में दे दी ।
इस सबके बाद मामला फिर से तब गर्माया है , जब केरल की सरकार ने बकरीद को लेकर अपने यहां कोरोना के नियमों में छूट दे डाली है , वो भी ऐसे समय में जब वहां कोरोना की मार लोगों पर जोरो की पड़ रही है । इस समय केरल में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है ।
इस मामले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अब आपत्ति जताई है । उन्होंने केरल सरकार के इस छूट संबधी फैसले पर आपत्ति जताई है । अपने बयान में एसोसिएशन ने केरल की राज्य सरकार से कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने की अपील भी की है।
IMA ने कहा कि बकरीद के लिए धार्मिक समारोहों की इजाजत देना गलत है । देश में मेडिकल इमरजेंसी के दौर में ऐसे फैसले नहीं लेना चाहिए। आईएमए ने इस दौरान यूपी उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा का भी हवाला दिया , जिसे अब रद्द कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को इस तरह के फैसले लेने से पहले राज्य और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना चाहिए ।