नई दिल्ली । देश में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बहुत तेजी देखी जा रही है , भले ही अभी इस वायरस के संक्रमण के चलते लोगों की मौत के मामले बहुत कम आ रहे हों , लेकिन इस सबके चलते लोगों को सावधानी बरतने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी मौजूदा स्थिति को लेकर लोगों को चेतावनी दी है । IMA का कहना है कि वायरस को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों में ढील, लोगों द्वारा कोविड की जांच करवाने में कमी आना और वायरस के एक नए संस्करण के उभरने के कारण कोविड मामलों में हालिया तेजी का कारण हो सका है ।
लगातार बढ़ रहे हैं मामले
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में सोमवार को 5,880 नए कोविड मामले सामने आए, जो रविवार की गिनती 5,357 से थोड़ा अधिक है । इसके साथ, एक्टिव मामले वर्तमान में 6.91 प्रतिशत की दैनिक सकारात्मकता दर के साथ 35,199 हैं । पिछले 24 घंटों में 3,481 लोग ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 4,41,96,318 हो गई है । मंत्रालय द्वारा साझा किए गए दैनिक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड वैक्सीन की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है । कई राज्यों ने जारी की गाइडलाइन
कोरोना के मामलों में इजाफे के बीच जहां लोगों को अलग अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । वहीं एहतियात के तौर पर कई राज्यों ने कोविड गाइडलाइंस जारी की हैं और मास्क को फिर से अनिवार्य कर दिया है । केरल में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना जरूरी किया गया है । हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक स्थानों, जहां 100 से अधिक लोगों का जमावड़ा हो, सरकारी कार्यालयों, मॉल आदि में नागरिकों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है । पुडुचेरी में, नागरिकों को तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक स्थानों जैसे बीच रोड, पार्कों और थिएटरों में अनिवार्य रूप से मास्क पहनना आवश्यक कर दिया गया है ।
इन राज्यों के अस्पतालों में मॉक ड्रिल
कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा और गोवा सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सोमवार को सरकारी और निजी अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया ताकि देश में कोविड-19 रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि की समीक्षा की जा सके और उनके इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 7 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और 10 और 11 अप्रैल को सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा था । इसके जरिए कोविड के बढ़ते मामलों से निपटने की तैयारियों का आंकलन करने की मंशा थी ।