नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी हैट्रिक के लिए पूरा जोर लगाने जा रही है , लेकिन हाल में सामने आए एक सर्वे में भाजपा की सरकार के सामने कई चुनौतियां नजर आई हैं । सर्वे में सामने आया है कि पिछले कई सालों से भाजपा के जो अहम बड़े मुद्दे रहे हैं , वे मुद्दे अब लोगों की प्राथमिकता में नहीं है , साथ ही वे मुद्दे या तो अब नहीं रहे या वह कमजोर पड़ गए हैं ।
इंडिया टुडे - सी वोटर का है सर्वे
बता दें कि मीडिया समूह इंडिया टुडे और सी वोटर ने हाल में एक सर्वे किया है , जिसमें आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर लोगों के मिजाज को जानने की कोशिश की गई है । सर्वे में सामने आया है कि एक समय भाजपा के सबसे बड़े मुद्दों में रहा राम मंदिर - अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दे अब अब नहीं रहे । भाजपा ने अपने कार्यकाम में इन मुद्दों पर ऐतिहासिक काम करते हुए लोगों से किया वादा निभाया है , लेकिन एक समय भाजपा के लिए बड़े मुद्दों में गिने जाने वाले ये मुद्दे अब नहीं रहे ।
लोग भाजपा के नए बड़े मुद्दों की तलाश में
असल में अब देश की जनता भाजपा के नए मुद्दों का इंतजार कर रही है , भाजपा के पुराने मुद्दे खत्म होने के बाद अब भाजपा के पास विकास की एक मात्र मुद्दा नजर आता है , जिसे लेकर विपक्ष कई तरह के सवाल भी उठाता रहता है । ऐसे में जनता भाजपा के पास नए मुद्दे नहीं देख रहा है । यही बात भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में एक परेशानी का सबब बन सकता है ।
अपनी उपलब्धियां गिना रही भाजपा
हालांकि खुद पीएम मोदी समेत भाजपा के आला पदाधिकारी इस तथ्य को पहले से जान रहे हैं, जिसके चलते पीएम ने अपने सभी सांसदों समेत पदाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह जनता के बीच जाकर सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएं । इतना ही नहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि जो इस काम में विफल होंगे , उन्हें इसका हर्जाना भी भुगतना होगा । रिपोर्ट कार्ड में अच्छे अंक नहीं आने पर ऐसे सांसदों का टिकट भी कटेगा ।
सर्वे में क्या क्या है
असल में इस सर्वे में सामने आया है कि अब मोदी सरकार के राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को सिर्फ 12 फीसदी लोग ही अहम मानते हैं । सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही राम मंदिर निर्माण को एनडीए सरसार की उपलब्धि मानते हैं । यानि 88 प्रतिशत लोगों के लिए यह बड़ी बात नहीं है । जबकि मोदी सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है । इसी क्रम में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बड़े फैसले को भी मोदी सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है , जिसे लोग मान तो रहे हैं , लेकिन इसे आगामी चुनावों के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं मान रहे । अब जब यह एजेंडा पूरा हुआ तो सिर्फ 14 प्रतिशत लोग इसे उपलब्धि बता रहे हैं ।
सर्वे के मुताबिक, अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 298 सीटें मिलने का अनुमान है । हालांकि यह स्थिति थोड़ी चिंता वाली है , क्योंकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 353 सीटें मिली थीं । जनवरी 2023 का सर्वे देखें तो एनडीए की 55 लोकसभा सीटें हाथ से निकल गई हैं । सर्वे में यह बात सामने आई है कि भाजपा के पिछले एक दशक से चल रहे मुद्दे अब कारगर साबित नहीं हो रहे हैं । इस बार सरकार को नई मुद्दों के साथ मैदान में कूदना होगा । अन्यथा उनको सीटों का नुकसान होना तय माना जा रहा है ।