नई दिल्ली । पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है । पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की लापरवाही के चलते पीएम मोदी के काफिले को फिरोजपुर के करीब रोकने और उनके वाहनों के करीब आकर प्रदर्शनकारियों के नारेबाजी करने के मामले में जुड़ी एक पीआईएल ( PIL ) सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है । इस याचिका पर संभावना जताई जा रही है कि कल यानी शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है । इससे इतर , गृहमंत्रालय के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने भी एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठन करने की बात कही है । कहा जा रहा है कि यह कमेटी तीन दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंपेगी । इसके बाद पंजाब सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय को सौंपेगी ।
विदित हो कि एक चुनावी रैली में शामिल होने के लिए पीएम मोदी बुधवार को पंजाब में थे । वहां मौसम खराब होने के कारण उन्हें रैली स्थल तक सड़क मार्ग से जाना पड़ा। इस दौरान कुछ किसानों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें 20 मिनट तक एक फ्लाइओवर पर ही रुकना पड़ा । इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी किसान उनकी कार के करीब भी आ गए थे । इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया , जिसके चलते गृहमंत्रालय ने पंजाब सरकार को इस बड़ी चूक से संबंधित जांच रिपोर्ट देने को कहा था ।
इस मामले में अब ताजा अपडेट यह है कि पंजाब सरकार ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है , जो इस मामले की गहनता से जांच करेगी । हालांकि इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि उनकी ओर से पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई चूक नहीं की गई है । वह खुद मामले को देख रहे थे , बावजूद इसके अगर कोई चूक हुई तो हम इसकी जांच करवाएंगे । हालांकि इस आधिकारिक बयान से इतर , चन्नी का एक बयान यह भी आया था कि पीएम मोदी की रैली में सिर्फ 700 लोग ही पहुंचे थे , जबकि 70 हजार लोगों की व्यवस्था की गई थी । अंतिम समय में पीएम मोदी के काफिले को बदला गया , जिसके चलते प्रदर्शनकारियों को हटाने में थोड़ा समय लग गया ।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक PIL दाखिल की गई है , जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होने की उम्मीद है ।