नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान 'पीएम गतिशक्ति' का शुभारंभ किया । वह भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाने यहां आए थे । इस मास्टर प्लान की मदद से रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों के विभागों को डिजिटल माध्यम से तालमेल के लिए जोड़ा जाएगा । इस प्लान की मदद से आने वाले समय में लाखों करोड़ों की योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलेगी।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कई सालों में सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल नहीं होने के चलते सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान हुआ । विभागों के बीच समन्वय नहीं होने के चलते तनातनी भी नजर आई । ऐसे में इन विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने का काम अब ''पीएम गतिशक्ति '' मास्टर प्लान करेगा । उन्होंने कहा कि अब दशकों से अधूरी पड़ी परियोजनाएं पूरी हो रही है । यह मास्टर प्लान सुनिश्चित करेगा कि समन्वय की कमी के चलते , बिना सरकारी संपत्ति के नुकसान हुए बिना , रोड से लेकर रेलवे तक , विभिन्न मंत्रालयों को इससे जोड़ा जा रहा है । हर बड़े प्रोजेक्ट के लिए हर विभाग को सही और सटीक जानकारी , समय से मिले , इसका एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है ।
पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां दशकों तक जिस तरह से सरकारी काम हुए हैं , उसे सोचते हुए ही याद आता है सुस्त गति से होने वाला काम , गुणवत्ता में खराब काम , लोगों के टैक्स के पैसे से बेकार काम , लंबे समय तक इस व्यवस्था को देख लोग भी इस स्थिति को मान बैठे थे कि इससे ठीक कुछ नहीं होगा । एक समय यही दिखता है कि वर्क इन प्रोग्रेस , यह बोर्ड अविश्वास का प्रतीक बन गए थे , किसी देश के प्रगति तभी मानी जाएगी जब उसमें गति हो , गति के लिए चाहिए एक सामुहिक प्रयास । लेकिन आज 21वीं सदी का भारत इस पुरानी व्यस्था को पीछे छोड़ आगे बढ़ रहा है ।
इस दौरान मोदी ने नया मंत्र दिया वी फॉर प्रोग्रेस , वर्क फॉर प्रोग्रेस , आज हमारी सरकार में देश में तेजी से विकास हो रहा है । आज का भारत हर वह कदम उठा रहा है , जिसमें रुकावटे न आए और कम समय से काम पूरा हो जाए ।
आज के समय में कोई एक छोटा मकान भी बनाता है तो उसकी पूरी योजना बनाता है , बड़ी यूनिवर्सिटी हो या कोई अन्य प्रोजेक्ट , हर कोई एक योजना बनाता है , लेकिन दुर्भाग्य से इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में हमारी योजना खराब थी । हमारे सरकारी विभागों की अलग अलग योजनाएं होती थी , ऐसे अलग अलग काम करने से काम में देरी होती है ।
हमने देखा कि पहले सड़क बना दी और फिर पानी की पाइप लाइन वालों ने वह सड़क तोड़ दी । ऐसे में काम होता रहता है । यह भी देखा जाता है कि पहले सड़कों पर सर्किल और डिवाइडर बना दिए जाते हैं , लेकिन बाद में यातायात पुलिस वाले कहते हैं कि इससे तो जाम लगेगा , फिर उसे तोड़ दिया जाता है । विभागों को पता ही नहीं होता कि कौन सा विभाग कहां कौन सा प्लान बना रहा है । ऐसे में निर्णय प्रक्रिया भी सही नहीं रहती और पैसा बर्बाद होता है । इस सारे काम के चलते शक्ति प्रभावी होने के बजाए , कई हिस्सों में बंट जाती है । ऐसे में अब हमें इस मास्टर प्लान की योजना से समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी ।
पीएम मोदी ने कहा कि इस मास्टर प्लान की मदद से अब इंफ्रास्ट्रक्चर के काम में गति आएगी और समन्वय बेहतर होने के चलते अब पहले की तुलना में कम अवरोध पैदा होंगे ।