Saturday, April 20, 2024

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अंडमान के 21द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर हुए , पीएम बोले - 'नेताजी को भुलाने की कोशिश हुई

अंग्वाल न्यूज डेस्क
अंडमान के 21द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर हुए , पीएम बोले -

न्यूज डेस्क । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके अंडमान - निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह वही अंडमान निकोबार है , जहां नेताजी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था । पूर्व में उन्हें भुलाने तक याद रखा जाएगा । पहले लोग समुद्री किनारों और प्रकृतिक सौंदर्य को देखने अंडमान आते थे लेकिन अब अंडमान से जुड़े स्वाधीनता के इतिहास को जानने के लिए भी उत्सुकता बढ़ रही है। वहीं नेताजी की 126वीं जयंती पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे । 

23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा

पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था । सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं । आजादी के बाद नेताजी को भुलाने की कोशिश की गई । ये स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है ।  दरअसल, नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ।

 

ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा । आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी । हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे ।  मैं सभी को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं । 

pm मोदी बोले - मुझे विश्वास है कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो सक्षम होगा... समर्थ होगा और आधुनिक विकास कि बुलंदियों को छुएगा। आज देश को प्रकृतिक संतुलन और आधुनिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। अंडमान-निकोबार में इंटरनेट की सुविधा बढ़ी है और डिजिटल लेन-देन बढ़ने से यहां आने वाले पर्यटकों को लाभ मिल रहा है। 

हमारे पूर्वोत्तर के राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप जैसे हिस्सों को हमेशा ये सोच रही कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक क्षेत्र हैं... ऐसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई और उनके विकास को नजरअंदाज किया गया। अंडमान-निकोबार द्वीप भी इसका साक्षी है। 

देश में पहले की सरकारों ने... और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कमतर आंका गया। 

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया ।  इस दौरान उन्होंने कहा, आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है । आज प्रधानमंत्री की ये पहल कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को हमारे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़कर उनकी स्मृति को चीरंजीव करने का प्रयास किया गया है । गृह मंत्री आज बोले, जब देश की आजादी आगे बढ़ी और देश को नेताजी ने आजाद हिंद फौज के प्रयास से आजाद कराने का प्रयास किया तब भी इसी हिस्से को देश में सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने का सम्मान मिला और नेताजी के हाथ से इसी द्वीप पर अपना तिरंगा पहली बार लहराया गया ।

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