नई दिल्ली । अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी होने के बाद अब अमेरिका के रक्षा विभाग की ओर से एक नया बयान जारी हुआ है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के गठन की कवायद के बीच अमेरिका के रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन ने कहा है कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि तालिबान की मदद के लिए पाकिस्तान की ओर आतंकियों को भेजा गया था। पेंटागन ने अपने एक बयान में कहा कि हमें इस बात के भी सबूत नहीं मिले हैं क तालिबान में पाकिस्तानी आतंकी शामिल हैं। न ही ऐसे किसी आतंकी ने अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ जंग की। हालांकि इससे पहले अमेरिका का रुख इससे बदला बदला था।
पेंटागन के प्रेस सचिव जान किर्बी ने एक बयान में कहा कि उन्होंने इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं देखी है जिसमें इसका जिक्र किया गया हो कि पाकिस्तान ने तालिबानी लड़ाकों की मदद के लिए आतंकी भेजे थे । उनका यह बयान अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के उन आरोपों को लेकर था , जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान की मदद के लिए अपने 10-15 हजार आतंकी भेजे हैं। इन आतंकियों को भेजने का मकसद काबुल पर कब्जा पाना है।
किर्बी ने कहा कि जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान भी आतंकी की मार झेल रहा है। अफगानिस्तान को लेकर उसका भी साझा हित है और वो अफगानियों को सुरक्षित स्थान देता रहा है । वह यह भी मानते हैं कि यहां पर हम सभी का हित एक समान है कि एक दूसरे की मदद करें और आतंकी हमलों की मार न झेलें।
विदित हो कि किर्बी के इस बयान को इसलिए भी सुर बदला हुआ माना जा रहा है क्योंकि अब से पहले अमेरिकी रक्षामंत्री लायड आस्टिन ने चिंता जताई थी कि कहीं आतंकी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण न पा लें।