मुंबई । महाराष्ट्र में पिछले दिनों में मचे सियासी घमासान के बाद अब स्थित को सब सामान्य हो गई है । जिस तरह से फणनवीस के बदले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद सौंपा गया , उसके बाद सरकार एक ओर बड़ा फैसला लेने जा रही है । असल में सरकार में अभी तक मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हुआ है , इस बीच खबर सामने आई है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे को शिंदे सरकार में शामिल किया जा सकता है । इन खबरों के बाद सियासी बयानबाजी के साथ ही अटकलों का दौर भी तेज हो गया है। विदित हो कि महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो चुका है, लेकिन मंत्रालय का बंटवारा अब तक नहीं हुआ है । अभी यह भी तय नहीं हुआ है कि भाजपा और शिंदे गुट के कितने विधायक मंत्री बनेंगे । इसके साफ होने से पहले एक खबर राजनीतिक गलियारों में तेजी से उठ रही है । खबर है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ( MNS) के प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को शिंदे सरकार में शामिल किया जा सकता है।
बता दें कि MNS के युवा नेता अमित ठाकरे कोंकण दौरे पर हैं । उनके मंत्री पद को लेकर MNS की ओर से प्रतिक्रिया भी आई है । चर्चाओं का बाजार तो पूरी तरह गर्म है , लेकिन खुद राज ठाकरे ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है।
असल में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडवानीस ने महाराष्ट्र में सियासी संकट के दौरान राज ठाकरे को फोन किया था । उसके बाद MNS ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया था । इसलिए इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि भाजपा अपने कोटे से MNS को एक मंत्री पद
देगी । जाहिर है MNS के इकलौते विधायक राजू पाटिल का नाम सबसे आगे था , हालांकि, अब चर्चा है कि बीजेपी ने राज ठाकरे की पार्टी को नया ऑफर दिया है । ऑफर के मुताबिक, शिंदे-फडणवीस सरकार में अमित ठाकरे को मंत्री पद मिल सकता है । लेकिन पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है , वहीं राज ठाकरे भी अभी तो इन खबरों को खारिज कर चुके हैं ।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि अमित ठाकरे अगर मंत्रीपद स्वीकार करते हैं तो उन्हें विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य भी बनना पड़ेगा । भाजपा का अमित ठाकरे को मंत्री बनाने का दांव शिवसेना को चोट पहुंचाने के लिए हो सकता है, क्योंकि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को शिवसेना की कमान संभालने के लिए तैयार किया गया है । अमित को कैबिनेट में लाने के कदम को आदित्य के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए दो सप्ताह का समय होने वाला है , लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय शुरू नहीं हुआ है । मुख्यमंत्री कार्यालय राज्य के नागरिकों के लिए उनकी शिकायतों का एक मुख्य केंद्र होता है । बावजूद इसके पिछले 12 दिनों से मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई अधिकारी मौजूद नहीं है । ऐसे में सवाल उठता है कि अगर मुख्यमंत्री से अपील करनी हो तो कहां जाएं। मंत्रिमंडल के विस्तार की तरह ही मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों की नियुक्तियों का अभी भी इंतजार है।