नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में शिकरत की । इस दौरान कमेटी (MPC) के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में अपना फैसला लिया । ऐसा कर RBI ने लगातार छठी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है । कोरोना काल में बुरे हालत में पहुंचे चुके टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई थी , लेकिन अब कहा जा रहा है कि अब इन सेक्टरों को आरबीआई की ओर से मदद दी जा रही है । शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब बैंक के माध्यम से इन्हें राहत दी जाएगी ।
विदित हो कि MPC की हर दो महीने में होनी वाली बैठक में शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर ने बड़ा फैसला लिया । इस दौरान उन्होंने ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया , वहीं इस पैसले से EMI में कोई बदलाव नहीं होगा ।
वहीं अब आरबीआई ने टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री को राहते देने के लिए 15 हजार करोड़ की नकदी की व्यवस्था की है । बैंक के जरिए अब होटल , टूर ऑपरेटर , रेस्टोरेंट , प्राइवेट बस , एविएशन सेवाए देने वालों को किफायदी लोन मिलेगा ।
कोरोना काल में महंगाई की हालत को देखते हुए RBI गवर्नर ने रेपो रेट (4%), रिवर्स रेपो रेट (3.35%) और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR-4%) की दरों में कोई बदलाव नहीं किया । इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को भी 4.25 परसेंट पर बरकरार रखा गया है ।
बता दें कि कोरोना महामारी के इस दौर में GDP ग्रोथ पर नेगेटिव असर पड़ा है । रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 10.5 परसेंट से घटाकर 9.5 परसेंट कर दिया है. वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 18.5 परसेंट (पहले अनुमान 26.2%), दूसरी तिमाही में 7.9% (पहले अनुमान 8.3%), तीसरी तिमाही में 7.2% (पहले अनुमान 5.4) और चौथी तिमाही में 6.6% (पहले अनुमान 6.2%) रहने का अनुमान है. मतलब तीसरी तिमाही से GDP ग्रोथ में सुधार दिखेगा।
शक्तिकांता दास ने कहा कि ग्रोथ को वापस लाने के लिए पॉलिसी सपोर्ट बेहद अहम है, कमजोर डिमांड से प्राइस प्रेशर का दबाव देखने को मिला है. महंगे कच्चे तेल के चलते कीमतों पर दबाव रहा है. रीटेल महंगाई दर यानी CPI पर RBI का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में CPI 5.1 परसेंट रहेगी, इसमें पहली तिमा ही में ये 5.2 परसेंट, दूसरी तिमाही में 5.4 परसेंट, तीसरी तिमाही में 4.7 परसेंट और चौथी तिमाही में 5.3 परसेंट रहने का अनुमान है.