नई दिल्ली । भारत के विश्व में बढ़ते दबदबे से आहत चीन को एक बार फिर से जोर का झटका लगा है । जो चीन पिछले कुछ समय से भारत - रूस के संबंधों को खराब करने की कोशिश में जुटा है , उसे करारा जवाब खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने दिया है । उन्होंने भारत - रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा है कि नए साल में संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे । पुतिन ने चीन की उम्मीदों को झटका देते हुए कहा कि रूस और भारत क्षेत्रीय एवं वैश्विक एजेंडों से संबंधित सामयिक मुद्दों के समाधान के प्रयासों के साथ-साथ द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य जारी रखेंगे ।
बता दें कि हाल के दिनों में अपनी साजिशों को अंजाम देने के बीच चीन ने भारत और रूस के संबंधों को लेकर बयान दिया था कि दोनों देशों में खटास आ गई है । लेकिन चीन की साजिशों और उसकी मंशाओं को झटका देते हुए खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को क्रिसमस एवं नववर्ष शुभकामना देते हुए कहा कि रूस और भारत विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के संबंधों से जुड़े हैं । जो कोरोना वायरस महामारी सहित तमाम परेशानियों एवं समस्याओं के बावजूद पूरे विश्वास के साथ प्रगति कर रहे हैं।
विदित हो कि पुतिन ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देश व्यापक राजनीतिक संवाद बरकरार रखते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के पक्षधर हैं । उन्होंने उम्मीद जताई कि नए साल में रूस और भारत रचनात्मक द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक एजेंडे पर सामयिक मुद्दों के समाधान के लिए समन्वित प्रयासों की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।
असल में कोरोना के दौरान भारत-रूस शिखर सम्मेलन रद्द होने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों पर चीन ने सवाल उठाए थे । चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने इस मुद्दे को आधार बनाकर भारत और रूस के बीच जहर घोलने का प्रयास भी किया था । अखबार के संपादकीय में लिखा गया था कि साल 2000 के बाद यह पहला मौका है जब भारत और रूस (India-Russia) के बीच शिखर सम्मेलन को टाला गया । इससे दोनों देशों के रिश्तों में दरार का स्पष्ट संकेत मिलता है ।