नई दिल्ली । सोशल मीडिया में पिछले दिनों देश के दो बड़े सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर खबरें आईं । कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस बात का दावा किया गया कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) , पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी /PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) का निजीकरण होने वाला है। इन खबरों के सामने आने के बाद इन बैंकों के करोड़ों ग्राहक परेशान हुए , जिसके बाद केंद्र सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेकर (PIB Fact Check) ने इन खबरों का सच सामने रखा । PIB Fact Check की तरफ से जारी ट्वीट में सरकार की तरफ से बताया गया है कि खबरों में किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है । इस तरह के भ्रामक संदेशों को लोग आगे नहीं बढ़ाएं ।
बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिया से लेकर कुछ मीडिया हाउस ने एसबीआई , पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ोदा बैक के निजीकरण की खबरें चलाई , जिसके बाद सोशल मीडिया पर तो लोगों ने अपनी चिंता भी जताई । इन खबरों के तेजी से वायरल होने पर सरकार के आधिकारिक फैक्ट चेकर ने इसे संज्ञान में लिया ।
असल में लोग इन खबरों को इसलिए भी सच मान रहे थे क्योंकि अगस्त 2019 में सरकार ने कई बैंकों का मर्जर किया था । इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई । हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का प्राइवेटाइजेशन का प्लान बनाया जा रहा है । इसके बाद ऐसी खबरें सामने आने पर लोग परेशान हो गए ।
इस सबके मद्देनजर पीआईबी की तरफ से 8 जनवरी को जानकारी दी गई कि ये सभी दावे हवाई है। पीआईबी की तरफ से बताया गया कई मीडिया हाउस ने यह दावा किया है कि नीति आयोग ने तीन बैंकों एसबीआई (SBI) और पीएनबी (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के निजीकरण से जुड़ी लिस्ट शेयर की है । बाद में पीआईबी ने बताया कि नीति आयोग ने ऐसी कोई लिस्ट जारी नहीं की है । चल रही खबरें गलत हैं।