नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से देश में जारी हेट स्पीच को लेकर बयान दिया है । सुप्रीम कोर्ट की 2 सदस्य वाली पीठ में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नफरत भरे भाषणों ने देश का माहौल खराब कर दिया है । इसे रोकने की जरूरत है । यह टिप्पणी चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की पीठ ने की। असल में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया था की मौजूदा समय में जारी हेट स्पीच ने माहौल तो खराब किया ही है लेकिन इस पर सरकारी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा कही गई बात बिल्कुल सही है मौजूदा समय में नफरत ही भाषणों को रोकने की जरूरत है । इस दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय में हेट स्पीच एक व्यवसाय बन गया है । बावजूद इसके सरकारी अधिकारी इस भाषा पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे । उन्होंने कहा कि वह बोले - 2024 के चुनावों को लेकर इस तरह की स्पीच बढ़ गई है , भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अभद्र भाषा कही जा रही है । उन्होंने कहा कि एक पार्टी ने तो फिल्म कश्मीर फाइल को फाइनेंस तक किया ।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि ऐसे मामले में सामान्य रूप से आपराधिक कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए । हमें इन मामलों की जांच करते हुए देखना होगा कि आखिर इन मामलों में कौन दोषी है और कौन नहीं । पीठ ने कहा कि एक कोर्ट को इन मामलों को अपने संज्ञान में लेने से पहले इनकी पृष्ठभूमि को जानना जरूरी है । अब इस मामले में 1 नवंबर को फिर से सुनवाई होगी ।