नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है , जिसपर कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच अब से थोड़ी देर बाद मामले की सुनवाई करेगी । वहीं इस मामले की एसआईटी जांच का आदेश होने के बाद अब पड़ताल शुरू हो गई है , लेकिन इस मामले में सियासी बयानबाजी के साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रभावित क्षेत्र में दौरा तेज हो गया है । कल रात राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद आज कई दलों के नेता इस हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करेंगे । इस सबके बीच पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार पर कटाक्ष मारा है । उन्होंने कहा - वीडियो बिल्कुल साफ है , हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता । किसानों के निर्दोष खून के लिए जवाबदेही होनी चाहिए और अहंकार और क्रूरता की सोच किसान के दिमाग में आए उससे पहले न्याय दिया जाना चाहिए ।
आज सपा - बसपा के नेता लखीमपुर में
विदित हो कि लखीमपुर खीरी हिंसा में 9 लोगों की जान चली गई । मामले में FIR भी दर्ज हो चुकी है और अब SIT इस पूरे मामले की जांच कर रही है । लेकिन सियासी दलों के लिए लखीमपुर खीरी अब सियासी दलों के लिए एक राजनीति चमकाने का अवसर बन गया है । कांग्रेस के बाद अब बारी है समाजवादी पार्टी और बीएसपी की । आज अखिलेश यादव और सतीश चंद्र मिश्र भी लखीमपुर जाएंगे ।
एक सदस्यीय आयोग करेगा जांच
बहरहाल , लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया गया है । इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव आयोग के प्रमुख होंगे । इस जांच आयोग का मुख्यालय लखीमपुर में ही होगा । साथ ही आयोग को 2 महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी ।
आईजी बोलीं- मंत्री के बेटे को तलाश रहे हैं
वहीं इस मामले में अब क्षेत्र की आईजी लक्ष्मी सिंह का कहना है कि वह इस मामले में अब मंत्री के बेटे आशीष को तलाश रही है । अभी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं लग पाई है । हालांकि कुछ दिनों पहले तक वह मीडिया के सामने आकर अपनी सफाई दे रहा था । पुलिस का यह बयान उन आरोपों को साफ कर रहा है कि जिसमें कहा जा रहा था कि जब आरोपी का पिता देश का गृहराज्यमंत्री हो तो उसके बेटे को पुलिस कैसे पकड़ सकती है ।