नई दिल्ली । देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए आखिरकार विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का चयन करने में सफलता पा ही ली है । विपक्ष ने अब पूर्व भाजपा के नेता और वर्तमान में टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाने का निर्णय ले लिया है । सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई है। अब से थोड़ी देर में इस फैसले का ऐलान किया जा सकता है ।
अपना नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने को लेकर यशवंत सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया दी । उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा - टीएमसी ने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं । अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए ।
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था । उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में भाजपा छोड़ दी थी । पिछले साल बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें टीएमसी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था ।
विदित हो कि इस बार राष्ट्रपति चुनावों को लेकर टीएमसी ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद तेज की थी । शरद पवार के घर पर हुई बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करने के लिए कुछ दलों से प्रस्ताव आए हैं । हालांकि, सब कुछ मंगलवार की बैठक की कार्यवाही पर निर्भर करेगा और बैठक में अन्य दलों द्वारा सुझाए गए नामों पर निर्भर करेगा ।
इससे पहले 15 जून को तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शरद पवार का नाम प्रस्तावित किया गया था. हालांकि, पवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को दो संभावित नामों के रूप में प्रस्तावित किया था । हालांकि, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण, दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया । इसके साथ ही एचडी देवगौड़ा ने भी प्रस्ताव ठुकरा दिया था ।