नई दिल्ली । सेना में भर्ती के लिए तैयार की गई अग्निपथ योजना लगातार विवादों में है । पहले इस योजना के अस्तित्व पर ही सवाल लगाते हुए देश भर में धरना प्रदर्शन आगजनी हुई । इसके बाद कुछ राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बना लिया । लेकिन अब इस मामले में एक नया विवाद खड़ा हो गया है । असल में सेना में भर्ती के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर हंगामा खड़ा हो गया है । हालांकि विवाद बढ़ता देख अब भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारी ने इस मुद्दे पर सफाई दी है ।
सेना ने कहा - हमेशा मांगे जाते हैं प्रमाण पत्र
विदित हो कि सेना भर्ती के लिए इस अग्निपथ योजना में भर्ती के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे गए हैं , जिसका विरोध होने पर सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई खास बदलाव नहीं हुआ है । उन्होंने कहा, जाति/धर्म इत्यादि जैसे सर्टिफिकेट भर्ती के दौरान सेना में हमेशा से मांगे जाते हैं । इसमें नया कुछ नहीं है ।
सुप्रीम कोर्ट ने का बड़ा फैसला
इससे इतर , सेना में भर्ती को लेकर लाई गई 'अग्निपथ' स्कीम के खिलाफ देशभर में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा मंगलवार को बड़ा आदेश सुनाया है । पूरे मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में की जाएगी । बता दें कि अग्निपथ योजना पर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हुई थी । इसमें इस योजना को रद्द करने जैसी मांगें थी , लेकिन, सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी मिली कि पटना से लेकर केरल तक पांच हाईकोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं ।
दूसरी हाईकोर्ट में दायर मामले भी दिल्ली हाईकोर्ट के पास
सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ से जुड़े सभी मामलों के साथ ही अन्य राज्यों की हाईकोर्ट में दायर मामलों को भी दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर करने को कहा है । कोर्ट ने कहा - अगर भविष्य में भी कोई मामले आते हैं तो उसे दिल्ली हाईकोर्ट भेजा जाएगा । इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में कब सुनवाई होगी, इसकी कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है ।