नई दिल्ली । अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा मचाए गए उथल पुथल के बीच नई दिल्ली में अब से थोड़ी देर में एक सर्वदलीय बैठक शुरू होने वाली है । इस बैठक में सभी दलों के दिग्गज नेता शिरकत करेंगे और उन्हें अफगानिस्तान के हालातों के मद्देनजर भारत सरकार की गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी । इस दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकता है कि भारत की आगे की रणनीति कैसी होनी चाहिए । ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि काबुल एयरपोर्ट पर कंट्रोल को लेकर तालिबान - तुर्की और अमेरिका के बीच तनाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। विदित हो कि भारत सरकार अब तक सैकड़ों लोगों को अफगानिस्तान से रेस्क्यू करके ला चुकी है । लेकिन अब आगे भारत की अफगानिस्तान, तालिबान को लेकर क्या रणनीति रहेगी, इसपर आज प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी । गत दिनों ही मोदी सरकार की ओर से इस सर्वदलीय बैठक को बुलाया गया था ।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस दौरान अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी देंगे । वह फ्लोर लीडर्स को बताएंगे कि अफगानिस्तान से कितने भारतीयों को लाया गया, कितने अफगान नागरिकों को लाया गया, आगे क्या रणनीति होगी, भारत सरकार तालिबान पर क्या सोच रही है और अफगानिस्तान में मौजूद भारत के निवेश की क्या स्थिति है । इन सभी मसलों पर सरकार अपना रुख रखेगी ।
इस बैठक में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल भी मौजूद रहेंगे । इनके साथ ही अलग-अलग पार्टियों के फ्लोर लीडर्स मीटिंग में शामिल होंगे ।
वहीं तालिबान की धमकी से इतर अमेरिका खुद ही अब पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ने का मन बना चुका है । कई नाटो देश भी ऐसा ही करने जा रहे हैं, ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इनके बाद काबुल एयरपोर्ट का कंट्रोल किसके पास रहेगा । क्योंकि काबुल एयरपोर्ट पर कंट्रोल को लेकर ही तालिबान - तुर्की और अमेरिका के बीच तनातनी जारी है ।