अलवर । देश की राजनीति में गर्माहट पैदा करने वाले अलवर के दिव्यांग युवती से दुष्कर्म मामले में नया मोड़ आ गया है । सियासी दलों के लिए आरोप प्रत्यारोप का अखाड़े की बुनियाद रखने वाले इस कांड में पुलिस के एक बयान से हड़कंप मच गया है । पुलिस का कहना है कि इस कांड में अभी तक युवती से रेप की पुष्टि ही नहीं हुई है । मूक बधिर युवती से दरिंदगी के मामले में अब अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी ने खुद मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि युवती से रेप नहीं हुआ है ।
एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि अलवर पुलिस को जो रिपोर्ट मिली है उससे यह स्पष्ट है कि मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामला गंभीर होने के चलते 6 टीम पूरे मामले में हर पहलू पर नजर बनाए हुए थी। नाबालिग के गांव से निकलने से लेकर अलवर पुलिया तक सभी कैमरों को चेक किया गया।
एसपी ने बताया कि आखिरी लोकेशन और घटनास्थल के बीच की 10 मिनट की वीडियो रिकार्डिंग नहीं है। इसी दस मिनट में नाबालिग कहां थी और उसके साथ क्या हुआ, इसकी जांच अलवर पुलिस कर रही है।
उन्होंने बताया कि नाबालिग अपने गांव के बाहर से एक ऑटो में बैठी थी। यह ऑटो अलवर शहर में अलग-अलग रास्तों और चौराहों से गुजरा था। पुलिस ने यह पूरा वीडियो देखा है। मंगलवार की रात को घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी। इसके बाद पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस पूरे प्रकरण में राजस्थान सरकार ने एसआईटी की टीम गठित की थी जिसने तुरंत जांच शुरू कर दी थी। तीन दिन बीतने के बाद पुलिस ने यह दावा किया है।
बहरहाल , कल तक पुलिस इस घटना को जघन्य अपराध मान रही थी , लेकिन आज मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने रेप की घटना से ही मना कर दिया है । हालांकि पूर्व में जयपुर में जो डॉक्टर पीड़िता का इलाज कर रहे थे , उन्होंने कहा था कि युवती के प्राइवेट पार्ट्स पर काफी जख्म थे । खुद एसपी ने इस यौन शोषण माना था ।