नई दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों का इंतजार अब पूरी दुनिया कर रही है । मतदान खत्म हुए एक दिन से ज्यादा का समय हो गया है , लेकिन अभी तक नतीजों पर से पर्दा नहीं हटा है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा । सवाल उठ रहे हैं कि क्या राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अपनी कुर्सी बचा पाएंगे , जा डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बिडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनेंगे । हालांकि, बिडेन बहुमत के करीब पहुंच गए हैं, लेकिन ट्रंप भी अपनी जीत का दावा किए हुए हैं । इस बीच दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी जारी है ।
स्थानीय मीडिया के अनुसार अब तक जो बिडेन (Joe Biden) को 264 इलेक्टोरल वोट मिले हैं और उनका पलड़ा भारी नजर आ रहा है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खाते में 214 इलेक्टोरल वोट आए हैं । इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार बिडेन ने एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है ।
अमेरिकी इतिहास में जो बिडेन राष्ट्रपति पद के पहले ऐसे उम्मीदवार बन गए हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले हैं । उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है, जबकि वोटों की गिनती अभी भी जारी है । मिली जानकारी के अनुसार , बिडेन (Joe Biden) को अब तक 72,049,341 वोट मिले हैं, जबकि इससे पहले 2008 में बराक ओबामा 69,498,516 वोट पाकर सबसे ज्यादा मत पाने वाले राष्ट्रपति बने थे ।
वहीं अमेरिका में चुनावी जंग जारी है और अब संवैधानिक संकट पैदा होते हुए दिख रहा है । एक ओर डोनाल्ड ट्रंप ने नतीजे मानने से इनकार कर दिया है, तो अब कई संगठनों ने आवाज उठाई है । अमेरिकी संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने बयान दिया है कि नेता चुनाव के नतीजे तय नहीं करते हैं, ऐसे में जो भी नतीजे आ रहे हैं उन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए।
बहरहाल, इस सबके बीच पूरी दुनिया के नेताओं की नजर इस समय अमेरिका के नए राष्ट्रपति के चयन पर टिकी हुई हैं । जहां कई देश दोबारा से ट्रंप को राष्ट्रपति की कुर्सी पर देखना चाहते हैं , वहीं कई लोग बिडेन को । हालांकि इस सबके बीच दुनिया के शीर्ष नेताओं की बड़ सधी हुई प्रतिक्रिया ही सामने आई है।
फ्रांस के वित्त प्रमुख ब्रुनो ली मैरे (Bruno Le Mair) ने कहा कि अमेरिका-यूरोप व्यापार संबंधों पर राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का बहुत कम प्रभाव पड़ेगा । वह बोले - संयुक्त राज्य अमेरिका कई वर्षों से यूरोपीय राज्यों के लिए अनुकूल भागीदार नहीं है । अमेरिकी महाद्वीप ने यूरोपीय महाद्वीप से खुद को अलग कर लिया है । परिणामों के बाद जो बाइडेन या डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने से सामरिक तथ्य में कुछ भी बदलाव नहीं होगा ।
इसी क्रम में जर्मनी की रक्षामंत्री आने क्रांप कारेनबाउर (Annegret Kramp-Karrenbauer) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को खारिज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 जीत चुके हैं । ट्रंप के दावे पर कारेनबाउर ने कहा, 'यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है । यह अमेरिका में संवैधानिक संकट का कारण बन सकता है । यह निश्चित रूप से हमें चिंतित करेगा।
वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने संभावित अमेरिकी चुनाव विजेता पर टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के लिए अपना समर्थन दोहराया और कहा कि जो बाइडेन निर्वाचित होने पर अमेजन के जंगलों की रक्षा करने जैसे मुद्दों पर हस्तक्षेप करेंगे ।
इसी तरह स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री जनेज जानसा ने ट्रंप को फिर से चुनाव जीतने के लिए बधाई दी । उन्होंने कहा, 'यह बहुत स्पष्ट है कि अमेरिकी लोगों ने चार सालों के लिए डोनाल्ड ट्रंप और माइक पेंस को चुना है।'