नई दिल्ली । बहुचर्चिता अडानी ग्रुप विवाद को लेकर विपक्ष के भाजपा पर लगे आरोपों पर पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान आया है । भाजपा की ओर से अडानी ग्रुप को मदद मिलने संबंधी आरोपों पर अमित शाह ने साफ किया कि इस मामले में छिपाने या डरने की कोई बात नहीं है । न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा - सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले का संज्ञान लिया है । कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा । लेकिन इसमें भाजपा (BJP) के लिए कुछ छिपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है।
मंत्री के रूप में टिप्पणी करना ठीक नहीं
हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर भाजपा पर आरोप लगने और मोदी सरकार की मदद से अडानी ग्रुप को काफी मदद मिलने संबंधी आरोपों पर अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी । वह बोले - 'सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हिंडनबर्ग-अडानी विवाद (Hindenburg-Adani Row) मामले का संज्ञान लिया है । अगर मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है तो एक मंत्री के रूप में मेरे लिए किसी तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
हजारों साजिशें सच को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं
यह पूछे जाने पर कि क्या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री कोई साजिश है, अमित शाह ने कहा कि हजारों साजिशें सच को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं । वह बोले - हजारों साजिशें सच को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं । सत्य सूरज की तरह चमकता है । वे तो 2002 से ही पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसा कर रहे हैं । हर बार वे और मजबूत और हर बार लोगों के बीच अधिक लोकप्रियता हासिल करके उभरे हैं ।
विपक्ष को कोर्ट जाना चाहिए
भाजपा पर कई संस्थानों पर कब्जा करने संबंधी आरोपों को लेकर उन्होंने कहा - उन्हें इस मुद्दे पर ये देखते हुए अदालत जाना चाहिए कि अदालतें भाजपा के प्रभाव में नहीं हैं । कोर्ट हमारे कब्ज़े में नहीं है । वे अदालत क्यों नहीं जाते? यहां तक कि जब पेगासस का मुद्दा उठा था, तब भी मैंने कहा था कि सबूतों के साथ कोर्ट जाइए…वे सिर्फ शोर मचाना जानते हैं । वह बोले - जिन लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने पेगासस का संज्ञान लिया और फैसला भी सुनाया. जांच भी की गई थी।
असल में ये लगाए गए हैं आरोप
बता दें कि अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ पक्षपात और क्रोनी पूंजीवाद (crony capitalism) के आरोप लगाए । इस मुद्दे पर संसद के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ । विपक्ष ने इस पूरे मामले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग की । जबकि भाजपा ने इस मामले में विपक्ष के सभी हमलों पर जमकर पलटवार किया । अडानी विवाद सहित कई मुद्दों पर विपक्षी नेताओं ने संसद की कार्यवाही में बार-बार बाधा डाली ।