नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अंडमान निकोबार में कुछ परियोजनाओं की आधारशीला रखते हुए कहा कि हमने यहां एक ब्रिज का नाम आजाद हिंद फौज के नाम किया है । इस ब्रिज से जाने वाले लोग नेताजी के पराक्रम को याद रखेगा । हालांकि इस दौरान गृहमंत्री ने पुरानी सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे देश की आजादी के नायकों का सही सम्मान नहीं किया गया । हमें आजादी दिलाने में अहम किरदान निभाने वाले इन दिग्गजों के साथ नाइंसाफी हुई । लेकिन अंडमान में आज 14 परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है और 12 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है । इन परियोजनाओं के पूरे होने के बाद देश के युवाओं के लिए यह स्थान आजादी के शहीदों के तीर्थ के रूप में जाना जाएगा ।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा - अंडमान निकोबार एक माइने में आजादी के आंदोलन का तीर्थ स्थान है , यहां की सेल्यूलर जेल में आजादी की लड़ाई का इतिहास छिपा है । देशवासियों को यहां काला पानी की सजा पाने वाले लोगों का इतिहास जानना चाहिए । इस सेल्यूलर जेल को अगर युवा देखेंगे तो युवा जान पाएंगे कि आखिर हमारे आजादी के दीवानों ने कैसी यातना सहकर हमें यह आजादी दिलाई है ।
उन्होंने कहा - आज जब मैं उपराज्यपाल महोदय के साथ इस सुभाष बोस द्वीप की धरती पर कदम रखा तो काफी रोमांचित हो गया , यह स्वाभाविक भी है , क्योंकि सालों तक हमने अंग्रेजो के खिलाफ देश को आजाद लड़ाने की लड़ाई लड़ी , भले ही उसका स्वराज 1947 में मिला हो , लेकिन सुभाष जी ने इससे पहले ही अंग्रेजो से अंडमान निकोबार को आजाद कराया था । देश के युवाओं के लिए यह अहम स्थान बनना चाहिए . क्योंकि नेताजी ने यहां दो रात गुजारी थी और यहां सबसे पहले तिरंगा फहराने का काम किया था ।
अमित शाह ने कहा कि हम आजादी के 75वें साल में अपनी नई पीढ़ी में देशभक्ति का भाव पैदा करना चाहते हैं । पीएम मोदी भी यह चाहते हैं कि हमारा देश आगे बढ़े , इसमें हमारे युवाओं का अहम योगदान होना चाहिए ।